गठबंधन टूटने के बाद गृह मंत्री का पहला बिहार दौरा, टारगेट पर 2024?

मुस्लिम बहुल सीमांचल में अमित शाह की यात्रा से कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. इन इलाकों में मुस्लिम मतदाता चुनावी परिणाम को प्रभावित करते हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में  जदयू और भाजपा ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और एनडीए को बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 39 पर जीत हासिल हुई थी. 

Edited by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 31, 2022, 11:53 PM IST
  • अमित शाह की यात्रा को लेकर कयासबाजी.
  • क्या अकेले चुनाव लड़ने को तैयार है बीजेपी?
गठबंधन टूटने के बाद गृह मंत्री का पहला बिहार दौरा, टारगेट पर 2024?

पटना. बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य में अकेले पड़ गई है. एनडीए से अलग हटते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर चर्चा प्रारंभ हो गई. ऐसे में भाजपा ने भी अपने 'चाणक्य' माने जाने वाले देश के गृह मंत्री अमित शाह को दो दिन बिहार भेजकर महागठबंधन को जवाब देने की तैयारी प्रारंभ कर दी है.
गृह मंत्री के बिहार दौरे के क्रम में सीमांचल जाने को लेकर कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आगामी 23-24 सितंबर को सीमांचल का दो दिवसीय दौरा करेंगे. जदयू से गठबंधन टूटने के बाद अमित शाह का बिहार में यह पहला दौरा होगा. माना जा रहा है कि शाह का यह दौरा आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है.

क्या बोले प्रदेश अध्यक्ष?
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बताया कि अमित शाह दो दिनों के लिए बिहार आ रहे हैं. वे 23 सितंबर को पूर्णिया में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. दौरे के दौरान वे किशनगंज भी जाएंगे और केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का जायजा भी लेंगे तथा अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इस क्रम में माना जा रहा है कि वे भजपा के कार्यकर्ताओं से मिलकर उनकी समस्या भी सुनेंगे.

लगाए जा रहे हैं कई तरह के कयास
मुस्लिम बहुल सीमांचल में अमित शाह की यात्रा से कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. इन इलाकों में मुस्लिम मतदाता चुनावी परिणाम को प्रभावित करते हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में  जदयू और भाजपा ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और एनडीए को बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 39 पर जीत हासिल हुई थी. भाजपा 17 सीटों पर जबकि जदयू 16 और तत्कालीन लोक जनशक्ति पार्टी को छह सीटें मिली थीं.

अकेले उतरने को तैयार भाजपा!
माना जा रहा है कि भाजपा लोकसभा चुनाव में अकेले चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी प्रारंभ कर दी है, इस कारण किसी भी क्षेत्र को वह छोड़ना नहीं चाहती है. वैसे भाजपा के वरिष्ठ नेता नीतीश की पार्टी जदयू के एनडीए छोड़कर जाने को लेकर हुई क्षति की पूर्ति की बात कर रहे हैं, लेकिन कार्यकर्ता नीतीश के जाने के बाद उत्साहित हैं.

वैसे, जदयू को अमित शाह का सीमांचल जाना पसंद नहीं आ रहा है. जदयू संसदीय दल के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा कहते हैं कि शाह सीमांचल के जिन इलाके में जाएंगे, वहां मुसलमानों की एक बड़ी आबादी है. उन्होंने जानबूझकर ऐसी जगह को चुना है जिससे वे धर्म के नाम पर मतदाताओं को गोलबंद कर सकें और वो ऐसा करने में माहिर भी हैं. लेकिन, बिहार के लोग उन्हें समझ गए हैं और सभी लोग सांप्रदायिक सद्भाव के साथ खड़े होकर उनकी सियासत का विरोध करेंगे. इधर, भाजपा शाह के इस दौरे को लेकर उत्साहित है. भाजपा ने गृह मंत्री के आने को लेकर मानती है कि कार्यकर्ताओं में नई उर्जा का संचार होगा.

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