BJP's J&K Manifesto news: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया. इस कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रमुख रविन्द्र रैना और अन्य पार्टी नेता भी उपस्थित थे.
घोषणापत्र जारी करते हुए अमित शाह ने कहा, 'आजादी के बाद से ही जम्मू-कश्मीर का मुद्दा हमारी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण रहा है और हमने हमेशा इस क्षेत्र को भारत के साथ रखने की कोशिश की है.'
उन्होंने कहा, 'पंडित प्रेम नाथ डोगरा के संघर्ष से लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान तक, इस संघर्ष को पहले जनसंघ और फिर भाजपा ने आगे बढ़ाया, क्योंकि हमारा मानना है कि जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का हिस्सा रहा है और रहेगा.'
केंद्रीय गृह मंत्री ने क्षेत्र में आतंकवाद और अलगाववाद के दीर्घकालिक मुद्दों पर भी बात की और कहा कि जम्मू और कश्मीर को 2014 तक विभिन्न राज्य और गैर-राज्य अभिनेताओं द्वारा अस्थिरता का सामना करना पड़ा.
शाह ने कहा, 'अन्य सभी सरकारों ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति से निपटने के लिए तुष्टिकरण की राजनीति की. हालांकि, जब भी भारत और जम्मू-कश्मीर का इतिहास लिखा जाएगा, 2014 से 2024 के बीच की अवधि सुनहरे शब्दों में लिखी जाएगी.'
अनुच्छेद 370 कभी वापस नहीं आएगा
नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र और उसके सहयोगी कांग्रेस के 'म्यूट सपोर्ट' पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 इतिहास बन चुका है, यह कभी वापस नहीं आएगा और हम ऐसा नहीं होने देंगे.' उन्होंने कहा, 'अनुच्छेद 370 ही वह चीज थी जिसने युवाओं के हाथों में हथियार और पत्थर थमा दिए...'
भाजपा का वादा
भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में सत्ता में आने पर 'मां सम्मान योजना' के तहत हर परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला को प्रति वर्ष ₹18,000 देने का वादा किया है. उन्होंने आगे कहा, 'हम उज्ज्वला योजना के तहत प्रति वर्ष दो मुफ्त सिलेंडर देंगे. प्रगति शिक्षा योजना के तहत, हम कॉलेज के छात्रों को प्रति वर्ष यात्रा भत्ते के रूप में ₹3,000 प्रदान करेंगे.'
शाह ने कहा कि भाजपा जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का पूरी तरह सफाया सुनिश्चित करेगी. गृह मंत्री ने क्षेत्र में आतंकवाद के उदय में शामिल लोगों की जिम्मेदारी तय करने के लिए श्वेत पत्र लाने का भी वादा किया.
शाह ने कहा, 'ओबीसी का आरक्षण अब बढ़ा दिया गया है. गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ी वर्षों से आरक्षण से वंचित थे. और आज, हमने मोदी सरकार के तहत इन वर्गों को आरक्षण देना शुरू किया.'
जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव
जम्मू और कश्मीर में 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से 7 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) और 9 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं.
पिछले विधानसभा चुनावों में, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने 28 सीटें जीती थीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 25 सीटें जीती थीं, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने 15 सीटें जीती थीं और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं.
जम्मू और कश्मीर में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में मतदान होगा, जिसके नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. कांग्रेस ने चुनाव लड़ने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन किया है.
ये भी पढ़ें- Ekadashi Do's and Don'ts: एकादशी के दिन भूलकर भी ना करें ये 10 काम, बन जाएंगे पाप के भागीदार
ये भी पढ़ें- OTT release: हो गया इस वीकेंड का जुगाड़, रिलीज हुईं ये धमाकेदार सीरीज, घर बैठे होगा फुल एंटरटेनमेंट