नई दिल्ली. 9 जून को नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचने की तरफ अपना कदम बढ़ा दिया. वह देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बाद दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री बन चुके हैं जिन्होंने अपना दो कार्यकाल पूरा करने के बाद तीसरी बाद प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है. पीएम मोदी के साथ उनकी कैबिनेट के 71 साथियों यानी मंत्रियों ने भी शपथ ली. इन सहयोगियों में नरेंद्र मोदी के साथ लंबे समय से राजनीति करने वाले अमित शाह भी रहे. शपथग्रहण के एक दिन बाद मंत्रिमंडल का बंटवारा सामने आया और अमित शाह को एक बार फिर देश के गृह मंत्री की अहम कुर्सी दी गई है.
2019 में बने थे देश के गृह मंत्री
अमित शाह को पहली साल 2019 में देश का गृह मंत्री बनाया गया था. इससे पहले 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बन जाने के बावजूद अमित शाह सरकार में किसी पद पर नहीं थे. पार्टी में एक व्यक्ति, एक पद के नियम के मुताबिक अमित शाह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. शाह 2019 से 2024 तक पूरे कार्यकाल गृह मंत्री के पद पर रहे. एक बार फिर गृह मंत्री बनने के बाद शाह अब तक 5 साल और 14 दिन तक गृह मंत्री के पद पर रह चुके और यह गिनती जारी है.
किन नेताओं का रिकॉर्ड तोड़ेंगे अमित शाह
शाह से पहले इस पद पर सबसे ज्यादा वक्त तक रहने वाले नेताओं में कांग्रेसी नेता गोविंद वल्लभ पंत और बीजेपी के लालकृष्ण आडवाणी का नाम शामिल है. गोविंद वल्लभ पंत 10 जनवरी 1955 से 7 मार्च 1961 तक यानी 6 साल, 56 दिनों तक देश के गृह मंत्री रहे. इसके बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में लालकृष्ण आडवाणी करीब 6 साल और 64 दिनों तक देश के गृह मंत्री रहे. आडवाणी 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक देश के गृह मंत्री रहे.
अब अगर अमित शाह गृह मंत्री के पद पर बने रहते हैं तो वो 2025 में गोविंद वल्लभ पंत और लाल कृष्ण आडवाणी दोनों का ही रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं. साल 2025 के अगस्त महीने में अमित शाह देश में सबसे ज्यादा लंबे समय तक गृह मंत्री रहने वाले नेता बन जाएंगे.
बीजेपी के 'चाणक्य'
बीजेपी के 'चाणक्य' के रूप में ख्याति अर्जित कर चुके अमित शाह 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने से पहले गुजरात के नरनपुरा से 2012 से 2017 तक विधायक रह चुके हैं. उसके पहले 1997 से 2012 तक सरखेज विधानसभा से विधायक रह चुके हैं. गुजरात में वह गृह मंत्री का पदभार संभार चुके हैं. RSS की विचारधारा में यकीन रखने वाले अमित शाह ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से छात्र राजनीति की शुरुआत की थी. साल 2001 में नरेंद्र मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद अमित शाह तेजी से राज्य की राजनीति के केंद्र में आए. अगले एक दशक के दौरान अमित शाह राज्य में कई अहम पदों पर रहे.
गृह मंत्री रहते हुए बड़े काम
2019 में गृह मंत्री का पदभार संभालने के महज कुछ ही समय बाद अमित शाह के कार्यकाल में देश का एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया. 5 अगस्त 2019 को अमित शाह ने राज्यसभा में आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी करने का प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव के राज्यसभा और लोकसभा में पास होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर से न सिर्फ आर्टिकल 370 निष्प्रभावी हुआ बल्कि राज्य दो केंद्रशासित प्रदेशों में भी तब्दील हो गया. अमित शाह के गृह मंत्री रहते ही जम्मू-कश्मीर ने बदलाव का एक नया दौर देखा है. आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगने के साथ ही विकास की बयार तेज हुई है.
CAA का कानून भी देश में अमित शाह के गृह मंत्री रहते पास हुआ और लागू हुआ. इस कानून को लेकर तमाम विरोधों के बीच अमित शाह लगातार इस बात पर जोर देते रहे कि यह देश का अहम कानून है और लागू होकर रहेगा. 2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इसका नोटिफिकेश जारी किया गया था और इसके जरिए नागरिकता देने की शुरुआत भी हो चुकी है.
ये भी पढ़ें- अमेरिका में उठाई अमृतपाल सिंह को रिहा करने की आवाज, वकील ने कमला हैरिस से की मुलाकात
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.