Who is Mojtaba Khamenei: पश्चिम एशिया में तनाव के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के कोमा में होने की अफवाहें जंगल में आग की तरह फैल गईं. सर्वोच्च नेता के स्वास्थ्य के बारे में पहले से ही कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं, जिसमें अब कोमा में होना बताया गया है.
सर्वोच्च नेता के कोमा में होने की अफवाह तब फैली जब यह खबर आई कि तेहरान ने सर्वोच्च नेता के दूसरे बेटे मोजतबा खामेनेई को उनके पिता के उत्तराधिकारी के रूप में चुना है.
हालांकि, अयातुल्ला के कार्यालय ने इन अफवाहों को तुरंत खारिज कर दिया. रविवार को ईरानी सर्वोच्च नेता ने लेबनान में ईरान के राजदूत से मुलाकात की, जो पेजर हमले में घायल हो गए थे.
सरकारी समाचार एजेंसी IRNA के अनुसार, ईरानी दूत ने सर्वोच्च नेता को उनकी स्वास्थ्य स्थिति और लेबनान की स्थिति के बारे में जानकारी दी.
राजदूत मोजतबा अमानी सितंबर में लेबनान में पेजर और वॉकी-टॉकी विस्फोटों में घायल हुए 3000 लोगों में से एक थे. इस विस्फोट में इजरायली हाथ होने की अटकलों के बीच, इस महीने की शुरुआत में पुष्टि की गई थी कि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने विस्फोटों को 'स्वीकृति' दी थी.
क्या ईरान के सर्वोच्च नेता कोमा में हैं?
नहीं. ईरानी नेता के कोमा में होने की खबरें झूठी हैं. अक्टूबर में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के बाद अफवाहों ने जोर पकड़ा जिसमें कहा गया था कि 85 वर्षीय नेता 'गंभीर चिकित्सा स्थिति से पीड़ित हैं.'
शनिवार को, ऐसी खबरें फैलीं कि खामेनेई को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, लेकिन ईरानी सरकार ने इसे खारिज कर दिया और इसका पुरजोर खंडन किया. अफवाहों के साथ-साथ, अस्पताल के बिस्तर पर सर्वोच्च नेता की एक छेड़छाड़ की गई तस्वीर भी प्रसारित हुई. बता दें कि ये तस्वीरें 2014 की हैं, 2024 से इसका कोई लेना देना नहीं.
तो क्या ईरान के सर्वोच्च नेता के रूप में अयातुल्ला अली खामेनेई का स्थान कोई और लेगा?
ईरान इंटरनेशनल के हवाले से Ynetews की रिपोर्ट के अनुसार, अयातुल्ला अली खामेनेई ने पहले ही अपने उत्तराधिकारी का चयन कर लिया है. यह उनके बेटे मोजतबा खामेनेई हैं.
सुप्रीम लीडर के दूसरे बेटे मोजतबा खामेनेई का चयन 26 सितंबर को विशेषज्ञों की सभा की एक गुप्त बैठक के दौरान किया गया था.
अयातुल्ला खामेनेई ने सितंबर में एक असामान्य बैठक बुलाई थी, जिसमें ईरान की विशेषज्ञों की सभा के 60 सदस्य शामिल हुए थे. उन्हें तुरंत उत्तराधिकार पर निर्णय लेने का निर्देश दिया गया था. रिपोर्ट के अनुसार, यह बैठक बेहद गुप्त थी, लेकिन सदस्यों को किस विषय पर बैठक है, ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई थी.
उत्तराधिकारी के चयन के साथ-साथ प्रक्रिया का भी कुछ विरोध हुआ. हालांकि, विशेषज्ञों की सभा को सर्वोच्च नेता और उनके प्रतिनिधियों द्वारा मोजतबा खामेनेई को चुनने के लिए मजबूर किया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि जोर (धमकियां भी शामिल) देने के बाद आखिरकार सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया.
उत्तराधिकार योजना और अगले नेता के चयन की अलोकतांत्रिक प्रक्रिया को लेकर व्यापक विरोध की आशंकाओं के कारण बैठक और निर्णय को गुप्त रखा गया. बैठक में शामिल होने वाले लोगों को चेतावनी दी गई थी कि किसी भी तरह की लीक के दुष्परिणाम होंगे.
हालांकि उनके चयन से कोई आश्चर्य नहीं हुआ है, लेकिन उनकी नियुक्ति से लोगों में सहमति नहीं देखने को मिली, क्योंकि उनके पास अनुभव की कमी है और उन्होंने ईरानी सरकार में कोई औपचारिक पद नहीं संभाला है.
मोजतबा खामेनेई कौन हैं?
अयातुल्ला के दूसरे बेटे मोजतबा खामेनेई का जन्म 1969 में मशहद में हुआ था. उन्होंने धर्मशास्त्र का अध्ययन किया और अपने पिता की तरह ही एक मौलवी बन गए. वे आज भी ईरान के सबसे बड़े इस्लामी मदरसे, कोम सेमिनरी में धर्मशास्त्र पढ़ाते हैं.
मोजतबा खामेनेई काफी हद तक लोगों की नजरों से दूर रहे हैं. पिछले दो सालों में, उन्होंने तेहरान में अपना महत्व हासिल कर लिया है. मोजतबा खामेनेई ईरानी राजनीति में ज़्यादा सक्रिय हो गए हैं और शासन में निर्णय लेने में भूमिका निभाई है.
2005 और 2009 में हुए चुनावों में मोजतबा खामेनेई ने महमूद अहमदीनेजाद का समर्थन किया था. कहा जाता है कि 2009 में राष्ट्रपति की जीत में उनकी भूमिका थी और कथित तौर पर चुनाव के बाद ईरान में भड़के विरोध प्रदर्शनों को दबाया था.
हालांकि, अहमदीनेजाद द्वारा मोजतबा पर सरकारी खजाने से धन की हेराफेरी करने का आरोप लगाने के बाद दोनों के बीच संबंध खराब हो गए.
2021 में, मोजतबा खामेनेई को अयातुल्ला की उपाधि दी गई, जो ईरान के सर्वोच्च नेता के रूप में सेवा करने के लिए एक संवैधानिक आवश्यकता है.
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