एक और अदालत ने रेप के दोषी का जल्द किया फैसला, छह माह में सुनाई फांसी

मासूम से हैवानियत के बाद हत्या के आरोप में कोर्ट ने छह माह में सजा सुनाई है. यह वाकया उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले का है. इतनी जल्द कार्रवाई पर लोगों ने रामपुर पुलिस को भी बधाई दी है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 19, 2019, 06:31 AM IST
एक और अदालत ने रेप के दोषी का जल्द किया फैसला, छह माह में सुनाई फांसी

मेरठः मासूम से हैवानियत के बाद हत्या के आरोप में कोर्ट ने छह माह में सजा सुनाई है. यह वाकया उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले का है. इतनी जल्द कार्रवाई पर लोगों ने रामपुर पुलिस को भी बधाई दी है. अदालत ने  दोषी को फांसी की सजा के साथ 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. पुलिस की जल्द जांच और सुनवाई में सभी के सहयोग से जल्द फैसला मुमकिन हो सका.

रामपुर के एसपी अजयराज शर्मा के मुताबिक, रेप और हत्या का यह मामला सिविल लाइंस थाना क्षेत्र का है. इस साल 7 मई को छह साल की बच्ची घर के बाहर से खेलते वक्त लापता हो गई थी. परिवारवालों ने काफी तलाश के बाद ही कोई पता नहीं चलने पर गुमशुदगी दर्ज कराई थी. 22 जून को बच्ची की लाश बस्ती के पीछे ही एक अर्धनिर्मित मकान में मिली थी.

13 दिसंबर को दोषी करार दिया गया
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी रामपुर कुमार सौरभ ने बताया कि इस मामले में रामपुर का निवासी युवक नाजिम आरोपी था. बच्ची का रेप करने के बाद हत्या के मामले में दोषी नाजिम को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम विनोद कुमार की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है.

अदालत ने 13 दिसंबर को नाजिल को सुनवाई पूरी करते हुए दोषी करार दिया था. अब फांसी की सजा सुनाई है, साथ ही 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. पुलिस के सहयोग से जल्द निर्णय संभव हो सका है.

तेजाब डालकर जला दिया था शव
मोहल्ले का ही नाजिम बच्ची को सामान दिलाने के बहाने साथ ले गया और रेप किया था. इसके बाद पकड़े जाने के डर से गला दबाकर हत्या कर दी थी. बच्ची की शिनाख्त छुपाने के लिए शव पर तेजाब डालकर जला दिया था. परिवारवालों ने बच्ची की कपड़ों और चप्पलों से पहचान की थी.

इसके पहले बागपत कोर्ट में भी हो चुका है ऐसा
छपरौली थाना क्षेत्र के एक गांव में 13 सितंबर को तीन साल की बच्ची को उसका तहेरा भाई नमकीन दिलाने के बहाने घर से ले गया था. युवक ने जंगल में ले जाकर बच्ची से दुष्कर्म किया था. पुलिस ने आरोपी को दिल्ली से 29 अक्तूबर को गिरफ्तार किया और 30 अक्तूबर को जेल भेजा था. विवेचक छपरौली थानाध्यक्ष दिनेश कुमार चिकारा ने 15 नवंबर को अदालत में चार्जशीट दाखिल की.

एडीजे प्रथम विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम शैलेंद्र पांडेय की कोर्ट में 25 नवंबर को आरोप तय किए. इसके बाद 29 नवंबर को केस की सुनवाई पूरी हो गई. आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई.

इस तरह सामने आया मामला
लाश मिलने के बाद नाजिम के खिलाफ रेप, मर्डर, और पॉक्सो एक्ट में एफआईआर हुई.
एफआईआर के 24 घंटों के भीतर रामपुर पुलिस ने नाजिल को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया था.
23 जून 2019 को अदालत में पेश किया और जेल भेज दिया गया था.
पुलिस ने दो अगस्त को उसके खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी.
पॉक्सो ऐक्ट के मुकदमों की सुनवाई की विशेष अदालत ने 5 सितंबर को आरोप तय किए थे.
अदालत ने उसके बाद लगातार तेजी से सुनवाई जारी रखी.
मुकदमे में कुल नौ गवाह पेश किए गए, आठ गवाह अभियोजन ने पेश किए.
न्यायाधीश विनोद कुमार ने 13 दिसंबर को नाजिल को दोषी करार दे दिया.
18 दिसंबर को अदालत ने नाजिम को मृत्युदंड की सजा सुनाई है.

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