मेघालय में कांग्रेस को बड़ा नुकसान, पूर्व सीएम समेत 12 विधायक थामेंगे TMC का दामन

मेघालय में कांग्रेस के 17 में से 12 विधायक गुरुवार दोपहर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 25, 2021, 07:44 AM IST
  • विधायकों के समूह ने विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी सूची
  • राज्य में कांग्रेस से छिन जाएगा मुख्य विपक्षी दल का दर्जा
मेघालय में कांग्रेस को बड़ा नुकसान, पूर्व सीएम समेत 12 विधायक थामेंगे TMC का दामन

शिलांग/नई दिल्लीः मेघालय में विपक्षी दल कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के 17 में से 12 विधायक पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के नेतृत्व में गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल होंगे. इसके बाद राज्य में कांग्रेस से प्रमुख विपक्षी दल का दर्जा छिन जाएगा, जबकि तृणमूल कांग्रेस बिना चुनाव लड़े मेघालय में प्रमुख विपक्षी पार्टी हो जाएगी. कांग्रेस से अलग होने वाले विधायकों में शामिल एच एम शंगप्लियांग ने यह जानकारी दी. 

गुरुवार दोपहर एक कार्यक्रम में होंगे शामिल
ईस्ट खासी हिल्स जिले के मौसिनराम से विधायक शंगप्लियांग ने बताया कि 'मेघालय में कांग्रेस के 17 में से 12 विधायकों ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया है. हम पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के नेतृत्व में औपचारिक रूप से तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे.' उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक दोपहर बाद 1 बजे एक कार्यक्रम में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे. 

शिलांग में एक अधिकारी ने बताया कि कांग्रेस से अलग होकर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायकों के समूह ने विधानसभा अध्यक्ष एम लिंगदोह को विधायकों की सूची सौंपी है और उन्हें अपने निर्णय के बारे में बताया है.

कांग्रेस से नाराज चल रहे थे मुकुल संगमा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व सीएम मुकुल संगमा पार्टी से नाराज चल रहे थे. उनकी नाराजगी विन्सेंट एच पाला को मेघालय प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख बनाए जाने से भी थी. बताया जा रहा है कि बीते सितंबर तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी से मुकुल संगमा की मुलाकात भी हुई थी. उसके बाद से तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं.

नहीं लागू होगा दलबदल विरोधी कानून
कांग्रेस के दो तिहाई से ज्यादा विधायक पार्टी छोड़कर दूसरे दल में शामिल हो रहे हैं, ऐसे में उन पर दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं होगा. दरअसल, दलबदल विरोधी कानून के तहत निर्वाचित सदस्य अपनी राजनीतिक पार्टी की सदस्यता छोड़ता है या अन्य पार्टी में शामिल होता है तो उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है. हालांकि, इस कानून के तहत एक पार्टी दूसरी राजनीतिक पार्टी में अपना विलय कर सकती है. इसमें उस पार्टी के दो तिहाई सदस्य विलय के पक्ष में होने चाहिए. इसी तरह दो तिहाई सदस्य अपना अलग गुट बनाकर भी पाला बदल सकते हैं. 

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