नई दिल्ली.  ये एक शुभ-समाचार है भारत के राष्ट्रवादी नागरिकों के लिए भी और देश की राष्ट्रवादी सरकार के लिए भी. कांग्रेस के तीन बड़े नाम और तीन बड़े चेहरे नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में बोले. यद्यपि यह समर्थन सोनिया गाँधी के लिए तो प्रत्यक्ष समर्थन है किन्तु मोदी सरकार के लिए अपरोक्ष समर्थन है. किन्तु सत्य तो ये है कि समर्थन तो समर्थन है और यदि यह भाजपा की धुर विरोधी कांग्रेस से आ रहा है तो ये मोदी-शाह की बड़ी उपलब्धियों में से एक है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


आरिफ मुहम्मद खान के बयान को दिया समर्थन 


केरल के राजयपाल आरिफ मुहम्मद खान ने कहा था कि भारत का हर राज्य CAA लागू करने को बाध्य है. वास्तविकता के धरातल पर राजयपाल का यह बयान अस्तित्वमान है क्योंकि यह देश के संविधान का मामला है. इसी को समर्थन दिया है कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं ने.



सिब्बल, खुर्शीद के साथ आये जयराम रमेश 


अब तक थे सिब्बल और खुर्शीद, अब साथ आ गए जयराम रमेश भी.  केरल के राजयपाल के विचार से सहमति जताने वाले दोनों बड़े नेता जानते हैं कि वे क्या कह रहे हैं. क़ानून और संविधान का अच्छी तरह ज्ञान रखने वाले इन दोनों नेताओं का बयान एक गंभीर बयान है और गहरा अर्थ रखता है. इन दोनों नेताओं के साथ कांग्रेस के एक तीसरे वरिष्ठ नेता जयराम रमेश भी आ गए हैं और उनका भी यही मानना है कि CAA को मानना ही होगा, राज्य में लागू करना ही पड़ेगा और ऐसा न करना असंवैधानिक होगा.



आरिफ मोहम्मद खान का बयान 


हाल में ही CAA पर केरल के राजयपाल आरिफ मोहम्मद खान का वक्तव्य आया था कि नागरिकता का विषय केंद्र के अंतर्गत आता है और देश के राज्यों की सरकारों के पास CAA को लागू करने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं हैं.  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल, जयराम रमेश ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के इस विचार से सहमति जताई है.


ये भी पढ़ें. CAA विरोधी षड्यंत्र का नया चेहरा लखनऊ में