उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक रात में CAA के विरोध के लिए मंच तैयार हो गया और आ गए ब्रांडेड कंबल साथ में पहुंचे पैक्ड फ़ूड पैकेट्स..
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नई दिल्ली. जितना दिमाग राष्ट्रवादी भाजपा सरकार ने नागरिकता संशोधन क़ानून बनाने में नहीं लगाया उससे ज़्यादा दिमाग लोग खर्च कर रहे हैं इसके विरोध में. इस विरोध की साजिश का नया चेहरा देखा जा सकता है लखनऊ में जहां एक ही रात में CAA विरोधी मंच तैयार कर लिया गया और भाड़े पर लाये जाने वाले लोगों के लिए ब्रांडेड कंबल भी आ गए हैं और पैकेटों में भर कर पैक्ड फ़ूड भी आ गया है.
ये इसी बात से ज़ाहिर हो गया है कि यह देश भर में चल रही CAA विरोध की साजिश की अगली कड़ी है क्योंकि ये सामान भिजवाने वाले लोगों के नकाब अभी ढके हुए हैं. मीडिया ने जब ये जानकारी चाही तो उस व्यक्ति या संगठन का कोई नाम पता हासिल नहीं हो पाया जो लखनऊ के इस आयोजन का प्रायोजन कर रहा है.
इस बात से ये बात भी तय हो जाती है कि नकाब लगा कर विरोध की साजिश करने वाले ये लोग राष्ट्र-विरोधी तत्व भी हो सकते हैं और कोई हैरानी की बात नहीं होगी अगर आगे कभी ये बात सामने आये कि इस षड्यंत्र के प्रायोजन के लिए देश के बाहर से पैसा आ रहा है.
लखनऊ में CAA विरोध की ये तस्वीर बताती है कि CAA विरोध जन-आंदोलन नहीं बल्कि पूरी तरह से प्रोजेक्ट बना कर तैयार किया गया प्रायोजित षड्यंत्र है जिसके पीछे किसी व्यक्ति और संगठन का हाथ हो सकता है जिसकी मंशा इस देश में सीएए के खिलाफ देश का माहौल खराब करना है. लखनऊ में इस स्थान पर जब पुलिस पहुंची और इस लावारिस सामान को जब्त करना चाहा तो वहां मौजूद लोगों ने विरोध किया और वे पुलिस से भिड़ गए.
दिल्ली का शाहीन बाग़ धरना भी हो सकता है इसी षड्यंत्र का हिस्सा क्योंकि कुछ दिनों पहले पता चला था कि शाहीनबाग में लोगों को धरना प्रदर्शन करने के लिए प्रति दिन 500-500 रुपए का पारिश्रमिक दिया जा रहा है.
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