शिवमोग्गा. अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होने जा रहा है. कार्यक्रम की तैयारियां जारी हैं. इस बीच मंदिर से संबंधित राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई हैं. इसी क्रम में बीजेपी के सीनियर लीडर और कर्नाटक के पूर्व डिप्टी सीएम के. ईश्वरप्पा ने भी विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि 'गुलामी' के प्रतीक विवादित ढांचे को अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए गिराया गया था. उन्होंने जोर देकर कहा-इसी तरह, हम मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर भी बनाएंगे.
22 जनवरी को दिवाली की त्योहार मनाएं
ईश्वरप्पा ने यह बातें राज्य के शिवमोग्गा जिले में मीडिया से बातचीत के दौरान कही हैं. उन्होंने कहा-लगभग 496 साल पहले, अयोध्या में राम मंदिर को नष्ट कर दिया गया था. मुगल शासक बाबर ने मंदिर के ऊपर एक मस्जिद बनवाई थी. ईश्वर के आशीर्वाद से हम भाग्यशाली हैं कि हम अपने जीवनकाल में ही रामलला की मूर्ति की स्थापना के साक्षी बन सके. गुलामी का प्रतीक खत्म हो गया और हिंदुओं के स्वाभिमान का प्रतीक राम मंदिर का निर्माण हुआ. हम हर घर में मंत्रक्षते (अयोध्या में पूजे जाने वाले पवित्र चावल) वितरित कर रहे हैं. आप अपने घर के मंदिर में मंत्रोक्षेट रखें और 22 जनवरी को इस अवसर को दिवाली त्योहार की तरह मनाएं.
'मथुरा में भी हम...'
ईश्वरप्पा का कहना है कि जिस समय राम मंदिर निर्माण का निर्णय लिया गया था, उस समय हिंदू तीर्थस्थलों काशी और मथुरा में सर्वेक्षण करने की अनुमति भी दी गई थी. हमें वहां भी मंदिर बनाने के लिए अदालत से अनुकूल फैसला मिलेगा. हम काशी में मस्जिद गिराएंगे और काशी मंदिर बनाएंगे. हम मथुरा में एक श्री कृष्ण मंदिर का निर्माण करेंगे.
कांग्रेस नेता ने सीएम को बताया भगवान
बता दें कि कर्नाटक के सीनियर एक कांग्रेसी नेता ने राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को ही भगवान राम बता डाला है. कर्नाटक कांग्रेस के सीनियर लीडर एच. आजनेय ने कहा-मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ही हमारे लिए भगवान राम हैं. सीएम सिद्दारमैया खुद भगवान राम हैं. उन्हें अयोध्या जाकर राम की पूजा क्यों करनी चाहिए?
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