नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को अमेरिकी अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस पर जोरदार हमला करते हुए उन पर न केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बल्कि भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली को भी निशाना बनाने का आरोप लगाया. वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने संवाददाताओं से कहा कि सोरोस का ऐलान भारत के खिलाफ युद्ध थोपने जैसा है और इस युद्ध तथा भारत के हितों के बीच में मोदी खड़े हैं.
भारतीय लोकतंत्र को तबाह करना चाहते हैं सोरोस?
उन्होंने कहा कि सभी को एक स्वर में सोरोस की टिप्पणी की निंदा करनी चाहिए. ईरानी ने आरोप लगाया कि सोरोस भारतीय लोकतंत्र को तबाह करना चाहते हैं और चाहते हैं कि यहां कुछ 'चुनिंदा' लोग सरकार चलाएं. उन्होंने कहा, 'हिंदुस्तान की सरकार और प्रधान सेवक नरेन्द्र मोदी ऐसे गलत इरादों के सामने नहीं झुकेंगे. जब-जब हिंदुस्तान को चुनौती दी गई, हमने विदेशी ताकतों को पहले भी हराया है और आगे भी हराते रहेंगे.'
सोरोस ने कहा है कि भारतीय व्यवसायी गौतम अडानी के कारोबारी साम्राज्य में उथल-पुथल ने निवेश के अवसर के रूप में भारत में विश्वास को हिला दिया है और यह भारत में 'लोकतांत्रिक पुनरुद्धार' के द्वार खोल सकता है.
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन से पहले सोरोस ने क्या कहा था?
सोरोस ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन से पहले अपने एक भाषण में कहा, 'मोदी इस विषय पर चुप हैं, लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों और संसद में सवालों के जवाब देने होंगे.' मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा, 'यह भारत की संघीय सरकार पर मोदी की मजबूत पकड़ को काफी कमजोर करेगा और बहुत जरूरी संस्थागत सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए दरवाजे खोलेगा. मैं भोला हो सकता हूं, लेकिन मैं भारत में लोकतांत्रिक पुनरुद्धार की उम्मीद करता हूं.'
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं. ईरानी ने दावा किया कि सोरोस ने भारत समेत विश्व की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में हस्तक्षेप के लिए एक अरब डॉलर से अधिक का कोष बनाया है.
उन्होंने कहा, 'एक विदेशी ताकत जिसके केंद्र बिंदु में जॉर्ज सोरोस हैं. उन्होंने ऐलान किया है कि वह हिंदुस्तान के लोकतांत्रिक ढांचे पर चोट करेंगे. वह प्रधानमंत्री मोदी को अपने वार का मुख्य बिंदु बनाएंगे. वह हिंदुस्तान में अपनी विदेशी ताकत के अंतर्गत एक ऐसी व्यवस्था बनाएंगे जो हिंदुस्तान के हितों का नहीं बल्कि उनके हितों का संरक्षण करेगी.'
'दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन रहा है भारत'
उन्होंने कहा कि सोरोस के शब्दों को गौर से देखें तो वह चाहते हैं कि उनकी विदेशी व्यवस्था को जो सरकार सहयोग करें, ऐसी सरकार हिंदुस्तान में उचित है. ईरानी ने कहा, 'ऐसे समय में जब भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन रहा है और जब भारत को अमेरिका और फ्रांस के राष्ट्रपतियों और इंग्लैंड के प्रधानमंत्री जैसे वैश्विक नेताओं द्वारा आभार प्राप्त हो रहा है, एक कारोबारी के साम्राज्यवादी इरादे सामने आ रहे हैं, जो हमारे लोकतंत्र को खलनायक की तरह पेश करना चाहता है. यह नया हिन्दुस्तान है, कमजोर नहीं है.'
उन्होंने दावा किया कि सोरोस ने भारत सहित अन्य लोकतांत्रिक प्रणालियों में हस्तक्षेप करने के लिए एक अरब डॉलर (100 करोड़ रुपये) से अधिक का कोष बनाया है. उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति, संगठन और समाज से इस व्यक्ति के इरादे की निंदा करने का आग्रह किया जो अपने निजी लाभ के लिए हमारे लोकतांत्रिक हितों को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है.
उन्होंने कहा कि भारत में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार है जो लोक हितों के संरक्षण और व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने का काम करती है. ईरानी ने कहा, 'आज देश के आवाम से मैं अपील करना चाहती हूं. चाहे आप व्यक्ति हों, संगठन हों या राजनीतिक दल हों. इसका मुंहतोड़ जवाब देना है.'
अडानी समूह 24 जनवरी को अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उस पर लेखा धोखाधड़ी और स्टॉक हेरफेर का आरोप लगाए जाने के बाद से गंभीर दबाव में है. इन आरोपों को समूह ने 'दुर्भावनापूर्ण', 'आधारहीन' और 'भारत पर सोचा-समझा हमला' कहकर खारिज कर दिया है.
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