15 मिनट, केतली, चाय... महाराष्ट्र में क्या खेला करने वाले हैं ओवैसी ब्रदर्स?

 AIMIM in Maharashtra Election: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में ठोकर खा चुकी AIMIM अब विधानसभा चुनाव में अपनी सियासी जमीन तलाशती हुई दिख रही है. पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी सूबे में चुनावी रैलियां कर रहे हैं. अकबरुद्दीन के कई बयान वायरल भी हो रहे हैं.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Nov 7, 2024, 02:02 PM IST
  • महाराष्ट्र में 11.56% मुस्लिम वोट
  • AIMIM की दलित वोट पर भी नजर
15 मिनट, केतली, चाय... महाराष्ट्र में क्या खेला करने वाले हैं ओवैसी ब्रदर्स?

नई दिल्ली: AIMIM in Maharashtra Election: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी और महायुती गठबंधन के बीच चुनावी बिसात बिछ चुकी है. इन दोनों के बीच हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी AIMIM के लिए सूबे में सियासी जमीन तलाश रहे हैं. तेलंगाना के बाद महाराष्ट्र ही ऐसा राज्य है, जहां पर AIMIM खुद को मजबूत मानती रही है. इस बार पार्टी ने यहां की 16 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. चलिए, समझने की कोशिश करते हैं कि महाराष्ट्र के चुनाव में उतरीं दसियों प्रमुख पार्टियों के बीच AIMIM का पॉलिटिकल प्लान क्या है?

लौट आया 'छोटा'
महाराष्ट्र के चुनावी समर में असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई और तेलंगाना से विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी भी उतर आए हैं. महज उतरे नहीं नहीं हैं, बल्कि चर्चा में भी छाए हुए हैं. अकबरुद्दीन ने हाल ही में कहा- अरे भाई 15 मिनट बाकी हैं, आप सब सब्र कीजिए न. न वो मेरा पीछा छोड़ रहा है और न मैं पीछा छोड़ रहा हूं.' अकबरुद्दीन ने इस बार ये बयान चुनावी कैंपेनिंग के टाइम से जोड़ते हुए दिया. हालांकि, 12 साल पहले उनका '15 मिनट के लिए पुलिस हटा लो' वाला बयान खूब विवादों में घिरा था. अकबरुद्दीन ने एक अन्य सभा में कहा- योगी तेरे आने के बाद अकबर भी आने वाला है, मोदी तेरे आने के बाद अकबर भी आने वाला है. हम जवाब देंगे. जिंदगी गुजर गई चाय बनाने में, लेकिन चाय क्या होती है कैसी बनती है? चाय... चाय... चाय...  चाय की पत्ती. चाय की खेती, चाय का पानी, चाय की केतली... चाय का चिल्ला हम बनाएंगे 20 तारीख को. पतंग- पतंग ही रहेगी. बता दें कि अकबरुद्दीन ओवैसी महाराष्ट्र में प्रचार के दौरान अपने चिर-परिचित अंदाज में नजर आ रहे हैं.

महाराष्ट्र में AIMIM के पास कितना कुछ?
महाराष्ट्र में AIMIM के 2019 के विधानसभा चुनाव में 2 विधायक बने थे. मालेगांव सेंट्रल से मोहम्मद इस्माइल अब्दुल खालिक ने चुनाव जीता था. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को 38,519 वोटों के बड़े अंतर से चुनाव हराया था. धुले सिटी से शाह फारुक अनवर ने निर्दलीय प्रत्याशी राजवर्धन रघुजीराव को 3307 मतों के छोटे अंतर से चुनाव हराया था. इसी विधानसभा चुनाव में पार्टी औरंगाबाद ईस्ट, औरंगाबाद सेंट्रल, भायखला, सोलापुर सिटी सेंट्रल में दूसरे नंबर पर रही थी. राज्य की 13 सीटें ऐसी थीं जहां पर AIMIM को जीत-हार के अंतर से अधिक वोट मिले थे. 2019 के ही लोकसभा चुनाव में AIMIM ने औरंगाबाद की लोकसभा सीट भी जीती थी, लेकिन इस बार के चुनाव में पार्टी का महाराष्ट्र में एक भी सांसद नहीं बन पाया.

इस बार AIMIM का ये चुनावी रोडमैप
महाराष्ट्र में AIMIM इस बार 16 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. 12 पर मुस्लिम प्रत्याशी और  4 पर दलित समुदाय के प्रत्याशी उतारे हैं. इससे आपको अंदाजा लग गया होगा कि इस बार ओवैसी ‘जय भीम-जय मीम’ नारे वाले एजेंडे के साथ महाराष्ट्र में सियासी धाक जमाना चाह रहे हैं. 16 सीटों पर चुनाव लड़कर ओवैसी खुद तो 
सत्ता में आ नहीं सकते, लेकिन किंगमेकर बनने की फिराक में जरूर हैं. ओवैसी को उम्मीद है कि AIMIM 5 से 7 सीटें जीतने में भी कामयाब हो जाए तो सत्ता की चाबी उनके हाथों में आ सकती है. इससे पहले 2019 के विधानसभा चुनाव में AIMIM ने 44 और 2014 में 22 सीटों पर चुनाव लड़ा था. 

इन वोटों पर ओवैसी ब्रदर्स की नजर
महाराष्ट्र की कुल आबादी 11.24 करोड़ है. मुस्लिम वोट 11.56% हैं और दलित वोट 13% हैं. ये कुल 25% वोट हुआ. 16 सीटों पर दलित और मुस्लिमों का एकमुश्त वोट भी AIMIM को मिल जाए तो महाराष्ट्र में ओवैसी ब्रदर्स बड़ा खेला कर सकते हैं. बता दें कि महाराष्ट्र में 38 सीटों पर मुस्लिम आबादी 20% के आसपास है. इसमें से 9 सीटें ऐसी हैं, जहां इनकी तादाद 40% से अधिक है. ओवैसी बंधु इस चुनाव में इसी वोट को अपने पक्ष करने की कवायद में जुटे हुए हैं.

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