पहले ब्लैक फंगस, फिर व्हाइट फंगस और अब आया सबसे ज्यादा खतरनाक पीला फंगस

एक तो कोरोना वायरस ने पहले ही देशवासियों को खौफ के साए में जीने को मजबूर कर दिया है. इस बीच पहले ब्लैक फंगस, फिर व्हाइट फंगस और अब येलो फंगस ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 24, 2021, 02:29 PM IST
  • कोरोना वायरस के बाद फंगस का कहर
  • अब पीला फंगस का केस आया सामने
पहले ब्लैक फंगस, फिर व्हाइट फंगस और अब आया सबसे ज्यादा खतरनाक पीला फंगस

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस के बाद अब पीला फंगस भी आ गया है. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस के बाद पीला फंगस का मामला आया है.

सबसे ज्यादा घातक है पीला फंगस

ऐसा दावा किया जा रहा है कि गाजियाबाद में पीला फंगस का एक केस मिला है. साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि Yellow Fungus इन दोनों ब्लैक फंगर और व्हाइट फंगस से ज्यादा खतरनाक है

हर्ष ईएनटी अस्पताल के डॉक्टर बृजपाल त्यागी ने दावा किया है कि पीला फंगस का एक केस सामने आया है. जिसका पहला मरीज हर्ष ईएन टी अस्पताल में मिला है, इस मरीज के अंदर तीनों लक्षण पाए गए हैं.

डॉक्टर बृजपाल त्यागी ने बताया मेरे अस्पताल में मरीज के अंदर पीले फंगस का लक्षण मिला है. मैंने अपनी केस स्टडी में ऐसे लक्षण का मरीज नहीं देखा है. इसमें अंदर सांस लेना परेशानी नजर आ रही थी. दूरबीन के माध्यम से मैंने देखा और मुझे इसके अंदर यह लक्षण नजर आए.

उन्होंने ये भी बताया कि यह जो पीला फंगस है इसका ज्यादा इलाज पढ़ाई में नहीं है, लेकिन जो ब्लैक फंगस में इंजेक्शन एंफोटरइसिन बी इस्तेमाल होता है, वो इसमें कारगार है. यह पीला फंगस ज्यादा खतरनाक है, यह घाव को भरने नहीं देता है. इसमें साथ डोज देनी होती है.

ब्लैक फंगस ने हर किसी को डराया

आपको बता दें, लखनऊ में बीते 24 घंटे में ब्लैक फंगस से 13 लोगों की मौत हो गई है. तो वही मेरठ जिले में ब्लैक फंगस के 86 मामले अबतक सामने आये हैं. ब्लैक फंगस से पीड़ित 6 लोगों ने दम तोड़ दिया है.

मेरठ के सीएमओ अखिलेश मोहन ने जानकारी दी और कहा कि स्टीरॉयड बिना डॉक्टर की सलाह के ना ले, मास्क रोज बदले, जो लोग मास्क धोकर पहनते है उसे धूप में सुखाए. घीला मास्क बिल्कुल भी ना पहने.

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तो वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि 'ब्लैक फंगस के लिए हमने अपने सेंटर बना दिए हैं पर दवाई नहीं है. जब तक इंजेक्शन नहीं होगा कैसे इलाज होगा. केंद्र के पास जो दवाई है उसे राज्यों को दे रहे हैं. हमें प्रोडक्शन बढ़ाना होगा. दिल्ली में ब्लैक फंगस के लगभग 500 मरीज हैं.'

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