'मैं सैनिक की पत्नी, रोकर नहीं हंसकर करो विदा...'

आशना ने कहा, ‘‘मुझे इस बात का संतोष है कि उन्हें पीड़ा नहीं झेलनी पड़ी. यह राष्ट्रीय क्षति है. मेरे पिता एक नायक थे.’’ उन्होंने कहा कि उनके पिता एक खुशमिजाज व्यक्ति थे.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 10, 2021, 07:18 PM IST
  • जानिए क्या बोलीं शहीद की पत्नी और बेटी
  • पंचतत्वो में विलीन हुए ब्रिगेडियर लिद्दर
'मैं सैनिक की पत्नी, रोकर नहीं हंसकर करो विदा...'

नई दिल्लीः तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुए ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर का शुक्रवार को दिल्ली के बरार स्क्वेयर श्मशानघाट में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने लिद्दर की पार्थिव देह पर शुक्रवार सुबह पुष्पांजलि अर्पित की. 

पत्नी ने कहा-गर्व से अधिक दुख
ब्रिगेडियर लिद्दर की पत्नी गीतिका लिद्दर ने अंतिम संस्कार के बाद कहा कि इस वक्त वह गर्व से अधिक दुख महसूस कर रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अभी लंबा जीवन बिताना है, लेकिन यदि ईश्वर की यही इच्छा है, तो हम ऐसे ही जिएंगे. हम नहीं चाहते थे कि वह ऐसे वापस आएं.

एक अच्छे पिता थे, बेटी को आएगी याद
 उन्होंने कहा कि ब्रिगेडियर लिद्दर एक बहुत अच्छे पिता थे और उनकी बेटी को उनकी बहुत याद आएगी. गीतिका ने कहा, ‘‘यह बहुत बड़ी क्षति है.’’ उन्होंने कहा कि ब्रिगेडियर लिद्दर जिंदगी को खुलकर जीने वाले इंसान थे और श्मशान घाट पर आए लोगों की संख्या को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है. उनका व्यवहार बहुत दोस्ताना था और वह खुशमिजाज इंसान थे.

शोक में आंसू बहाने वालों से अपील
 गीतिका ने कहा, ‘‘शायद लोग इसलिए मेरे दुख पर शोक जता रहे हैं. लेकिन हमें उन्हें अच्छी विदाई देनी चाहिए और हंसते हुए विदा करना चाहिए. मैं एक सैनिक की पत्नी हूं. ब्रिगेडियर लिद्दर की बेटी आशना लिड्डर ने कहा कि वह 17 वर्ष की हैं और वह अपने पिता के साथ बताए इन 17 वर्षों की सभी अच्छी यादों को संजोकर रखेंगी. 

बेटी बोली- मेरे पिता नायक थे
आशना ने कहा, ‘‘मुझे इस बात का संतोष है कि उन्हें पीड़ा नहीं झेलनी पड़ी. यह राष्ट्रीय क्षति है. मेरे पिता एक नायक थे.’’ उन्होंने कहा कि उनके पिता एक खुशमिजाज व्यक्ति थे और उनके सबसे अच्छे मित्र थे. आशना ने कहा, ‘‘वह न केवल मुझमें, बल्कि हर व्यक्ति में जोश भरा करते थे. वह एक महान प्रेरक व्यक्ति थे.

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उन्होंने कहा, ‘‘मुझे डर लग रहा है, क्योंकि मेरे पिता ने मुझे वाकई बहुत लाड़- प्यार दिया.’’ 26 जून,1969 को जन्मे ब्रिगेडियर लिद्दर जनवरी 2021 से सीडीएस के रक्षा सहायक थे. उन्हें दिसंबर 1990 में जम्मू-कश्मीर राइफल्स (जेएकेआरआईएफ) में शामिल किया गया था और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक बल के तौर पर कांगो में जेएकेआरआईएफ की एक बटालियन की कमान संभाली थी. उन्होंने भारत की उत्तरी सीमाओं पर भी एक ब्रिगेड की कमान संभाली थी. 

बता दें कि तमिलनाडु में बुधवार को सेना के एमआई17वी5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर और 10 अन्य रक्षा कर्मियों की मौत हो गई थी. 

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