असम NRC में गैर-नागरिक पाए गए 60 बच्चे नहीं भेजे जाएंगे डिटेंशन सेंटर

सोमवार को चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ के सामने असम एनआरसी से बाहर रखे गए तकरीबन 60 बच्चों के परिवारों से जुड़े मुद्दे पर पैरवी की गई. इसमें परिवारों की पैरवी करने वाले वकील ने कहा कि एनआरसी से जुड़े सभी दस्तावेजों की समीक्षा के बाद भी उन बच्चों को बाहर रखा जाएगा, हालांकि उनके माता-पिता को उसमें शामिल किया जाएगा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 7, 2020, 02:41 AM IST
    • असम एनआरसी में बाहर रखे गए थे 60 बच्चे
    • बच्चे रहेंगे परिवारवालों के साथ
असम NRC में गैर-नागरिक पाए गए 60 बच्चे नहीं भेजे जाएंगे डिटेंशन सेंटर

नई दिल्ली: एनआरसी जिसपर पूरा बवाल मचा हुआ है, उससे जुड़े एक मामले में केंद्र सरकार ने उच्चतम अदालत में एक पैरवी डाली है. केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को अर्जी के जरिए बताया कि जिन बच्चों के माता-पिता को असम में NRC  के तहत नागरिकता मिल गई है, सरकार उनके परिवारों को उनसे अलग रखने की मंशा जाहिर नहीं करती. इसका सीधा मतलब यह कि उन सभी 60 बच्चों के परिवारवालों से अलग कर के डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा. 

असम एनआरसी में बाहर रखे गए थे 60 बच्चे

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने केंद्र सरकार के वकील ने यह दलील पेश की. केंद्र सरकार के पक्ष में वकील ने कहा कि असम में एनआरसी से बाहर रखे गए लगभग 60 बच्चों के परिवारों से अलग कर डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा. दस्तावेजों को दिखाने के बावजूद बच्चों को बाहर रखा गया है. बच्चे परिवार से बिछड़ न जाएं, इसलिए उनके परिवारवालों को उनसे अलग नहीं किया जाएगा.

बच्चे रहेंगे परिवारवालों के साथ

सर्वोच्च न्यायालय में अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने यह बात स्पष्ट कर दिया कि असम में उन बच्चों को डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा, जिनके माता-पिता को एनआरसी के माध्यम से नागरिकता मिल गई है. 

के वेणुगोपाल ने अदालत को यह भी बताया कि 19 लाख लोगों को अंतिम एनआरसी सूची से दस्तावेज न मिल पाने की वजह से बाहर रखा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी के बाद बच्चों को डिटेंशन सेंटर में भेजे जाने का आरोप लगाते हुए दर्ज की गई अपील पर केंद्र और असम सरकार को नोटिस भेजा था, जिसके बाद केंद्र सरकार ने उस पर जवाबी पक्ष रखा.

उच्चतम न्यायालय ने असम सरकार से यह भी कहा है कि एनआरसी से संबंधित विवादित पोस्टों पर स्पष्टीकरण दें या उसे हटा ही लिया जाए.

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