Chandigarh Mayor Election: 'पार्षद कैमरा-कैमरा चिल्ला रहे थे, तब मैंने उधर देखा', SC के सवाल पर ऑफिसर का जवाब

SC on Chandigarh Mayor Election: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने माना कि उन्होंने मतपत्रों पर एक्स लगाया था. इस पर कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 19, 2024, 05:00 PM IST
  • 20 फरवरी को फिर होगी सुनवाई
  • कोर्ट ने अनिल मसीह को फटकार लगाई
Chandigarh Mayor Election: 'पार्षद कैमरा-कैमरा चिल्ला रहे थे, तब मैंने उधर देखा', SC के सवाल पर ऑफिसर का जवाब

नई दिल्ली: SC on Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई सोमवार को सुनवाई हुई. CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हार्स ट्रेडिंग गंभीर मामला है. इसलिए चंडीगढ़ में जल्द चुनाव होना चाहिए. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने माना है कि उन्‍होंने बैलेट पेपर पर निशाना लगाया. इसलिए उन पर मुकदमा चलना चाहिए. 

कोर्ट ने रिटर्निंग अधिकारी को लगाई 
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मसीह के वकील से पूछा कि आपने बैलेट पेपर पर एक्‍स मार्क लगाया या नहीं. इसके जवाब में उन्‍होंने कहा कि हां, आठ पेपर पर लगाया था. इस पर सीजेआई ने फटकार लगाते हुए कहा कि आपको सिर्फ साइन करना चाहिए था, आपने किस अधिकार से निशान लगाए हैं.

कैमरे की तरफ क्यों देख रहे थे?
सुप्रीम कोर्ट ने रिर्टनिंग ऑफिसर से कहा है कि यदि आपने झूठ बोला तो आपके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कैमरे में क्यों देख रहे थे और मतपत्रों में निशान क्यों लगा रहे थे. इसके जवाब में रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने कहा कि सभी मतपत्र विकृत हो गए थे. मैं सिर्फ उन पर निशान लगा रहा था. वहां कैमरे इतने थे कि मैं बस उन्हें ही देख रहा था. पार्षद कैमरा-कैमरा चिल्ला रहे थे. तभी मैंने उधर देखा कि क्या बात है.

कौनसे नियम के तहत टिक लगाए?
कोर्ट ने कहा कि नियम 11 कहता है कि आप हस्ताक्षर कर सकते हैं, लेकिन यह कौन-सा नियम कहता है कि आप मतपत्रों पर एक्स या टिक लगा सकते हैं. आप उन मतपत्रों पर निशान क्यों लगा रहे थे. चुनावी लोकतंत्र में इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती.

20 फरवरी को ह्होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसीटर जनरल ने सुझाव देते हुए कहा कि हाई कोर्ट निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति करे. मतपत्र और रिकॉर्ड भी देखे जाएं. CJI ने उनकी बात पर कहा कि हम हाई कोर्ट रजिस्ट्रार से कहेंगे कि एक अधिकारी को सारे रिकॉर्ड के साथ हमारे पास भेजें. हम पहले उसका मुआयना करेंगे, फिर आगे आदेश देंगे. मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी (मंगलवार) को होगी. 

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