लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहा विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया है. प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संपत्तियों को निशाना बनाया है. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अहम बैठक बुलाई. उन्होंने ऐलान किया है कि उपद्रवियों की संपत्ति जब्त कर सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी.


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पुलिस को दिये सख्त निर्देश



मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव (गृह) और डीजीपी को आदेश दिया है कि उपद्रवियों से सख्ती से निपटा जाए और एक-एक उपद्रवी की पहचान कर उनकी संपत्ति जब्त कर नुकसान की भरपाई करने की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। संशोधित नागरिकता कानून के विरोध के नाम पर कांग्रेस, सपा और वाम दलों ने पूरे देश को आग में झोंक दिया है.


प्रदर्शन के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं


योगी ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. विपक्ष भ्रम के हालात पैदा कर रहा है. नागरिकता कानून किसी के खिलाफ नहीं है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक रोटी सेंकने वाले कांग्रेस, सपा और वामपंथी संगठनों ने आज पूरे देश को आगजनी की चपेट में झोंकने का प्रयास किया है. यह अस्वीकार्य है और उत्तर प्रदेश में इस तरह के तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा.


 प्रदर्शनकारियों ने जमकर किया बवाल



प्रदर्शनकारियों ने बवाल मचाते हुए हसनगंज और मदेयगंज में पुलिस चौकी जला दी. इसके अलावा बस, कार व दोपहिया वाहनों में आग लगा दी. पुलिस को इससे निपटने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा. लखनऊ के मुस्लिम बहुल खदरा इलाके में लोगों ने मदेयगंज में पुलिस चौकी जला दी.


कई पार्टियों के कार्यकर्ता हिरासत में


लखनऊ के परिवर्तन चौक पर कांग्रेस, वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू और कई अन्य कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. यहां प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठियां बरसाई, जिसमें कई लोग घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों के पथराव में एसपी ट्रैफिक के साथ दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.


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