नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को वायु प्रदूषण के मुद्दे पर खत लिखा है. खत में उन्होंने दोनों पड़ोसी राज्यों में 'पराली' जलाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण में खतरनाक वृद्धि के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है. एलजी सक्सेना ने लिखा है कि दिल्ली में 2 करोड़ से अधिक लोगों के साथ संसद, सुप्रीम कोर्ट और कई राजनयिक मिशनों का घर है, यहां शिखर सम्मेलनों और सम्मेलनों में भाग लेने वाले आगंतुक, टूरिस्ट और डिप्लोमैट भी आते हैं. ये सभी मुख्य रूप से पराली जलाने से उत्पन्न धुएं और स्मॉग के कारण होने वाले दुर्बल वायु प्रदूषण के परिणाम भुगतते हैं.
हरियाणा की तारीफ के साथ जाहिर की चिंता
एलजी ने बीते साल कम पराली जलाने के मामलों के लिए हरियाणा की सराहना की लेकिन इस आंकड़े चिंताजनक हैं. अकेले हरियाणा में 15 सितंबर से 11 अक्टूबर के बीच फसल अवशेष जलाने के 340 मामले दर्ज किए गए हैं, जो 2022 में इसी अवधि के दौरान 83 मामलों से काफी अधिक हैं.
पंजाब में 300 प्रतिशत की वृद्धि
दूसरी तरफ पंजाब में फसल अवशेष जलाने के 1,063 मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 300 मामलों की वृद्धि है. सक्सेना ने कहा कि क्षेत्र के राजनीतिक नेताओं के इस मुद्दे का समाधान करने के वादे के बावजूद, इस चिंताजनक ट्रेंड ने दिल्ली निवासियों और अधिकारियों को गंभीर वायु गुणवत्ता के मुद्दों से जूझने पर मजबूर कर दिया है.
दोनों राज्य के सीएम से स्थाई समाधान तलाशने की अपील
एलजी ने हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों से पराली की समस्या का स्थाई समाधान तलाशने की अपील की है. साथ ही उपलब्ध संसाधनों को जुटाने और किसानों के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया है.
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