साउथ दिल्ली में जारी है अतिक्रमण रोधी अभियान, जानें सीलमपुर में क्यों हुई कार्रवाई ठप

एक दिन पहले ही दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में अवैध अस्थायी इमारतों को हटाने और कुछ दीवारों को गिराने के लिए एक अभियान चलाया था.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 11, 2022, 06:38 PM IST
  • साउथ दिल्ली में जारी है अतिक्रमण रोधी अभियान
  • सीलमपुर में इस कारण रोकनी पड़ी कार्रवाई
साउथ दिल्ली में जारी है अतिक्रमण रोधी अभियान, जानें सीलमपुर में क्यों हुई कार्रवाई ठप

नई दिल्ली: नगर निगम के अधिकारियों ने बुधवार को नजफगढ़, द्वारका, लोधी कॉलोनी और दक्षिणी दिल्ली के कई अन्य इलाकों में अतिक्रमण रोधी अभियान चलाया. शहर में अवैध निर्माण हटाने के लिए बुलडोजर चलते रहे और काम पर तैनात कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों को कुछ स्थानों पर स्थानीय लोगों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा. पूर्वी दिल्ली के महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल ने बताया कि सीलमपुर में पुलिस बल की कमी के कारण पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा नियोजित अभियान बुधवार को शुरू नहीं हो सका.

एक दिन पहले ही दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में अवैध अस्थायी इमारतों को हटाने और कुछ दीवारों को गिराने के लिए एक अभियान चलाया था. उत्तर दिल्ली नगर निगम ने भी मंगोलपुरी इलाके में अतिक्रमण रोधी अभियान चलाया था.

विरोध का वीडियो वायरल

बुधवार को निगम के अधिकारियों ने दक्षिणी दिल्ली के नजफगढ़ और पश्चिमी क्षेत्रों में नियोजित अतिक्रमण रोधी अभियान चलाया, जिसमें द्वारका, चौखंडी और आसपास के क्षेत्रों सहित विभिन्न स्थानों पर अस्थायी ढांचों को हटा दिया गया. निगम द्वारा की गई कार्रवाई का स्थानीय निवासियों के एक वर्ग द्वारा विरोध किया गया जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर भी आए.

एक वीडियो में देखा गया था कि जनकपुरी इलाके में एक व्यक्ति ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा, ''हमें पहले नोटिस दिया जाना चाहिए था.'' उस व्यक्ति ने कहा, ''उन्हें (अतिक्रमण रोधी दल को) हमारे शवों के ऊपर से गुजरना होगा.’’

पुरुषों का एक समूह और कुछ पुलिसकर्मी उसके बगल में खड़े थे. दक्षिण दिल्ली नगर निगम के पश्चिमी क्षेत्र की अध्यक्ष श्वेता सैनी ने कहा कि तिलक नगर के पास जनकपुरी और चौखंडी में भी अतिक्रमण रोधी अभियान चलाया जा रहा है.

वाम संगठनों का मार्च

उन्होंने कहा कि कुछ स्थानीय लोगों ने अभियान के खिलाफ जनकपुरी में विरोध प्रदर्शन किया. सैनी ने कहा, ''विरोध के बावजूद अतिक्रमण रोधी अभियान चलाया गया. हमने केवल अस्थायी इमारतें और गुमटियां हटाई हैं. अतिक्रमण हटाना हमारा कर्तव्य है और हम उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेंगे.'' 

इस बीच, विभिन्न वामपंथी संगठनों ने शहर में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले नगर निगमों द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण रोधी अभियान के विरोध में दिल्ली के उपराज्यपाल आवास तक एक मार्च निकाला. यह मार्च कश्मीरी गेट से शुरू हुआ और बैजल के आवास की ओर बढ़ रहा था जब पुलिस द्वारा उसे रोक दिया गया. 
अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत निगम के चारों क्षेत्रों में कार्रवाई की जा रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नजफगढ़ क्षेत्र में आकाश अस्पताल से मधु विहार बस टर्मिनल व वार्ड नंबर 51एस के आसपास के क्षेत्रों में कार्रवाई की गई, जबकि पश्चिमी क्षेत्र में वार्ड संख्या 6एस में चौखंडी और आसपास के इलाकों में कार्रवाई की गई.

इन इलाकों में शुरू हुई कार्रवाई

अधिकारी ने कहा कि पुलिस कर्मी दक्षिणी क्षेत्र के इलाकों में भी पहुंच गए हैं, जबकि मध्य क्षेत्र में भी कार्रवाई शुरू हो गई है. अधिकारियों ने कहा कि मध्य क्षेत्र के जिन इलाकों में कार्रवाई शुरू की गई है, उनमें मेहर चंद मार्केट, लोधी कॉलोनी, साईं बाबा मंदिर के पास के स्थान और जेएलएन मेट्रो स्टेशन और वार्ड संख्या 58एस के आसपास के हिस्से शामिल हैं.

दक्षिणी क्षेत्र में अर्जन गढ़ मेट्रो स्टेशन के पास, आया नगर ग्राम रोड, घिटोरनी गांव और वार्ड नंबर 73एस के आसपास के इलाकों में कार्रवाई शुरू की गई. अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण क्षेत्र, पश्चिम क्षेत्र और नजफगढ़ क्षेत्र में अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई की संभावना है. इस बीच एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान ''एक पेड़ अनजाने में उखाड़ दिया गया था.''

इस संबंध में उप वन संरक्षक को 10 मई को एक पत्र के माध्यम से जानकारी दी गई, जिसमें एसडीएमसी ने ''वन विभाग को उखड़े हुए पेड़ के बदले 10 पेड़ लगाने या वन विभाग के निर्देशानुसार उपाय करने का आश्वासन दिया है.’’

एसडीएमसी के अधिकारियों के अनुसार मंगलवार को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में अभियान के दौरान सड़क के करीब दो किलोमीटर हिस्से को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया. स्थानीय लोगों और राजनीतिक नेताओं के विरोध के बाद एसडीएमसी के अधिकारियों को सोमवार को शाहीन बाग में इसी तरह की कार्रवाई किए बिना वापस लौटना पड़ा था.

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