'अर्थव्यवस्था संकट में थी, NDA ने काबू पाया'; जानें- सरकार ने अपने श्वेत पत्र में क्या कहा?

White Paper: वित्त मंत्री ने कहा कि जब 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई, तो अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में थी, सार्वजनिक वित्त खराब स्थिति में था, आर्थिक कुप्रबंधन और वित्तीय अनुशासनहीनता थी और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार था.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Feb 8, 2024, 06:47 PM IST
  • सीतारमण ने कहा, 'सरकार 'राष्ट्र-प्रथम' में विश्वास करती है'
  • सरकार ने 'श्वेत पत्र' में किए बड़े खुलासे
'अर्थव्यवस्था संकट में थी, NDA ने काबू पाया'; जानें- सरकार ने अपने श्वेत पत्र में क्या कहा?

White Paper: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा के पटल पर भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक श्वेत पत्र रखा. सरकार ने 1 फरवरी को पेश केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि वह कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के 10 साल के आर्थिक प्रदर्शन की तुलना भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 10 साल के आर्थिक प्रदर्शन से करने के लिए 'श्वेत पत्र' लाएगी.

कहा गया है कि जब 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई, तो अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में थी, सार्वजनिक वित्त खराब स्थिति में था, आर्थिक कुप्रबंधन और वित्तीय अनुशासनहीनता थी और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार था.

सरकार द्वारा 'श्वेत पत्र' में बताई गई बड़ी बातें
-तुरंत समाधान करने के बजाय, एनडीए सरकार ने साहसिक सुधार किए, मजबूत अधिरचना का निर्माण किया.

-राजनीतिक और नीतिगत स्थिरता से लैस एनडीए सरकार ने अपने पूर्ववर्ती यूपीए के विपरीत, व्यापक आर्थिक भलाई के लिए कड़े फैसले लिए.

-2014 में अर्थव्यवस्था संकट में थी.

-मोदी सरकार के आर्थिक प्रबंधन ने भारत को निरंतर उच्च विकास के दृढ़ पथ पर स्थापित किया है.

-बैंकिंग संकट यूपीए सरकार की सबसे महत्वपूर्ण और बदनाम विरासतों में से एक थी.

-सार्वजनिक वित्त खराब स्थिति में था, आर्थिक कुप्रबंधन और वित्तीय अनुशासनहीनता थी और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार था.

-2014 में, सरकार को क्षतिग्रस्त अर्थव्यवस्था मिली, जिसे फिर से ठीक किया गया.

-एनडीए सरकार के आर्थिक प्रबंधन और शासन के माध्यम से 2014 से पहले की हर चुनौती पर काबू पा लिया गया.

-समय की मांग है कि लोगों में आशा जगाई जाए, घरेलू और वैश्विक दोनों तरह के निवेश आकर्षित किए जाएं और बहुत जरूरी सुधारों के लिए समर्थन तैयार किया जाए.

-यूपीए सरकार आर्थिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने में बुरी तरह विफल रही, इसके बजाय उसने ऐसी बाधाएं पैदा कीं जिन्होंने अर्थव्यवस्था को पीछे खींच लिया.

-ऐसे कई घोटाले हुए जिनसे सरकारी खजाने को भारी राजस्व घाटा हुआ और राजकोषीय एवं राजस्व घाटा हुआ.

-पिछले दस वर्षों में, एनडीए सरकार ने पिछली यूपीए सरकार द्वारा छोड़ी गई चुनौतियों पर सफलतापूर्वक काबू पा लिया.

-हमारी सरकार ने, अपने पूर्ववर्ती के विपरीत, एक मजबूत अधिरचना के निर्माण के साथ-साथ अर्थव्यवस्था की नींव में निवेश किया.

-पेपर में आगे कहा गया है कि अभी मीलों चलना है और सोने से पहले पहाड़ों को पार करना है क्योंकि लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है.

-कहा गया कि सरकार 'राष्ट्र-प्रथम' में विश्वास करती है न कि राजनीतिक लाभ कमाने में.

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