मद्रास HC ने कहा, कोरोना की दूसरी लहर के लिए 'अकेले' चुनाव आयोग जिम्मेदार, अधिकारियों पर चलना चाहिए हत्या का मुकदमा

मद्रास हाई कोर्ट ने कोरोना की दूसरी लहर के लिए केवल चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया है और अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा चलाए जाने की बात कही है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 26, 2021, 08:51 PM IST
  • कोविड-19 रोधी नियमों का पालन करते हुए निष्पक्ष मतगणना सुनिश्चित की जाए.
  • नहीं तो मतगगणना पर रोक लगाने में नहीं होगी हिचक.
मद्रास HC ने कहा, कोरोना की दूसरी लहर के लिए 'अकेले' चुनाव आयोग जिम्मेदार, अधिकारियों पर चलना चाहिए हत्या का मुकदमा

चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को निर्वाचन आयोग की तीखी आलोचना करते हुए उसे देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए 'अकेले' जिम्मेदार करार दिया और कहा कि वह 'सबसे गैर जिम्मेदार संस्था' है. अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के खिलाफ हत्या के आरोपों में भी मामला दर्ज किया जा सकता है.

इसने कहा कि निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को रैलियां और सभाएं करने की अनुमति देकर महामारी को फैलने के मौका दिया. अदालत ने कहा, 'क्या आप दूसरे ग्रह पर रह रहे हैं.'
 
मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी तथा न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पीठ ने छह अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव में करूर से अन्नाद्रमुक उम्मीदवार एवं राज्य के परिवहन मंत्री एम आर विजयभास्कर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की.

इस याचिका में अधिकारियों को यह निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है कि दो मई को करूर में कोविड-19 रोधी नियमों का पालन करते हुए निष्पक्ष मतगणना सुनिश्चित की जाए. याचिकाकर्ता ने कहा कि करूर निर्वाचन क्षेत्र में हुए चुनाव में 77 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई है, ऐसे में उनके एजेंट को मतगणना कक्ष में जगह देना काफी मुश्किल होगा. इससे नियमों के पालन पर असर पड़ सकता है.

निर्वाचन आयोग के वकील ने जब न्यायाधीशों को बताया कि सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं तो पीठ ने कहा कि उसने (आयोग) राजनीतिक दलों को रैलियां और सभाएं करने की अनुमति देकर कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप का रास्ता साफ कर दिया था. पीठ ने निर्वाचन आयोग के वकील की इस टिप्पणी पर अप्रसन्नता जताई कि मतदान केन्द्रों पर सभी तरह के एहतियाती कदम उठाए जाएंगे.

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि देश में महामारी की दूसरी लहर फैलने के लिए निर्वाचन आयोग को 'अकेले' जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. पीठ ने यहां तक कहा कि निर्वाचन आयोग के अधिकारियों पर हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया जा सकता है.

न्यायाधीशों ने मौखिक रूप से चेतावनी दी कि वे दो मई को होने वाली मतगणना रोकने से भी नहीं हिचकिचाएंगे. उच्च न्यायालय ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि वह मतगणना के दिन अपनाए जाने वाले कोविड-19 प्रोटोकॉल से संबंधित ब्लूप्रिंट के बारे में 30 अप्रैल तक विस्तृत रिपोर्ट दायर करें.

अदालत ने कहा कि ब्लूप्रिंट राज्य के स्वास्थ्य विभाग के सचिव के साथ विस्तृत विमर्श के बाद दाखिल किया जाए. तमिलनाडु में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 15,000 नए मामले सामने आए और राज्य उपचाराधीन मामलों की संख्या एक लाख से अधिक हो गई. तीन राज्यों-तमिलनाडु, केरल, असम तथा केन्द्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में हाल ही में विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ है जबकि पश्चिम बंगाल में दो चरणों का मतदान बाकी है. इन राज्यों के विधानसभा चुनाव की मतगणना दो मई को होगी. 

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