नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को रेलवे अधिकारी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला को बदनाम करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने का निर्देश दिया. जस्टिस नवीन चावला की पीठ ने अंजलि बिरला के बारे में भ्रामक और गलत जानकारी फैलाने के लिए X, गूगल और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के खिलाफ दायर मानहानि मुकदमे में अंतरिम निर्देश दिया है.
पोस्ट को ब्लॉक करने का आदेश
कोर्ट ने ऐसे पोस्ट को ब्लॉक करने का आदेश दिया कि अंजलि बिरला ने भ्रष्ट आचरण में लिप्त होकर और अपने पिता के पद का दुरुपयोग करके अपने पहले प्रयास में UPSC की परीक्षा पास की. जस्टिस ने X और गूगल को विवादित सोशल मीडिया सामग्री को 24 घंटे के भीतर हटाने का निर्देश दिया. सिर्फ इतना ही नहीं अगर वादी को किसी अन्य समान पोस्ट के बारे में पता चलता है, तो वह इसके बारे में X और गूगल को सूचित करेगी.
इन्हें भेजा गया नोटिस
जस्टिस ने अज्ञात पक्षों के अंजलि के मानहानि मुकदमे में उल्लिखित कथित मानहानि वाले कंटेंट को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पोस्ट करने, प्रसारित करने, ट्वीट करने या रीट्वीट पर भी रोक लगा दी. कोर्ट ने X, गूगल, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा अज्ञात पक्षों को भी नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है. अब अगली सुनवाई की तारीख 15 अक्टूबर तय की गई है.
ये कहती है याचिका
दरअसल अपनी याचिका में अंजलि ने कहा कि अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे थे और सार्वजनिक कार्यालय में उनकी स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे थे. वर्तमान में भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा (IRPS) अधिकारी के रूप में कार्यरत अंजलि बिरला ने उनके बारे में भ्रामक और झूठी जानकारी के प्रसार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ डाले गए पोस्ट को हटाने की मांग की है.
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