सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान की मौत, लटका मिला शव
लंबे समय से धरने पर बैठे किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. उनके आंदोलन को एक साल पूरा होने वाला है.
नई दिल्लीः नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के विरोध में सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल एक किसान ने खुदकुशी (Farmer Suicide) कर ली है. सिंघु बॉर्डर पर किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. अभी खुदकुशी की वजहों का पता नहीं चल सका है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
पंजाब का रहने वाला था किसान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोनीपत के कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर आत्महत्या करने वाला किसान पंजाब का रहने वाला था. पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान फतेहगढ़ साहिब जिले की अमरोह तहसील के रहने वाले गुरप्रीत सिंह (45) के रूप में हुई. मृतक किसान भारतीय किसान यूनियन सिद्धपुर से जुड़ा था. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. शुरुआती जांच में आत्महत्या की बात सामने आ रही है. पुलिस को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने का इंतजार है.
किसान आंदोलन को होने वाला है एक साल
याद रहे कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को एक साल पूरा होने वाला है. देश के अलग-अलग हिस्सों, खासकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने पर किसानों ने 29 नवंबर से संसद के शीतकालीन सत्र में ट्रैक्टर मार्च निकालने का निर्णय लिया है. इसे लेकर किसान एकता मोर्चा की बैठक हुई है, जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह, दर्शनपाल सिंह आदि मौजूद रहे.
कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसान
लंबे समय से धरने पर बैठे किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. उन्हें डर है कि कृषि कानून लागू होने से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) खत्म हो जाएगा और खेती में कॉरपोरेट का दखल हो जाएगा. वहीं, केंद्र सरकार तीनों कानूनों को कृषि सुधार के रूप में पेश कर रही है.
यह भी पढ़िएः पद्म श्री सम्मान लेने पहुंची ट्रांसजेंडर उतारने लगी राष्ट्रपति कोविंद की नजर, देखें वीडियो
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.