जानिये कैसे आते हैं चक्रवात और कौन रखता है इनके नाम?

लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर ये चक्रवाती तूफान कैसे आते हैं और इनका नामकरण किस आधार पर होता है.

Written by - Adarsh Dixit | Last Updated : May 22, 2021, 07:16 PM IST
  • ओमान ने किया है 'यास' तूफान का नामकरण
  • वर्तमान में ये देश रखते हैं चक्रवातों के नाम
जानिये कैसे आते हैं चक्रवात और कौन रखता है इनके नाम?

नई दिल्ली: हिंदुस्तान के कई राज्यों को अभी तौकते तूफान से जूझना पड़ा है और अब अगले तूफान का संकट भी खड़ा हो गया है. तौकते के बाद अब यास नामक तूफान बंगाल की खाड़ी में उथल पुथल मचा सकता है.

लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर ये चक्रवाती तूफान कैसे आते हैं और इनका नामकरण किस आधार पर होता है.

इस तरह बनता है चक्रवात

आपको बता दें कि गर्म इलाके के समुद्र में मौसम की गर्मी से हवा गर्म होकर अत्यंत कम वायु दाब का क्षेत्र बनाती है. हवा गर्म होकर तेजी से ऊपर आती है. इससे ऊपर की नमी मिलकर संघनन से बादल बनती है.

इस वजह से बनी खाली जगह को भरने के लिए नम हवा तेजी से नीचे जाकर ऊपर आती है. जब हवा बहुत तेजी से उस क्षेत्र के चारों तरफ घूमती है तो घने बादलों और बिजली के साथ मूसलाधार बारिश होने लगती है.

तेज घूमती इन हवा के क्षेत्र का व्यास हजारों किलो मीटर के बराबर तक होता है. ये हवा बड़ी विध्वंसक और हानिकारक होती है. इसे ही चक्रवात कहते हैं.

अधिकतर मई जून में आता है तूफान

वैज्ञानिक भी इस पक्ष को स्वीकार कर चुके हैं कि अधिकतर चक्रवात मई और जून के महीने में ही आते हैं. भौगोलिक रूप से ज्यादातर चक्रवाती तूफान बंगाल की खाड़ी में उठते हैं.

पिछले 120 साल में आए सभी चक्रवाती तूफान के 14% ही भारत के पास के अरब सागर में आए हैं. बंगाल की खाड़ी में उठने वालों की तुलना में अरब सागर के चक्रवाती तूफान अपेक्षाकृत कमजोर होते हैं.

बेहद दिलचस्प है नाम रखने की प्रक्रिया

वैज्ञानिक अध्ययन और शोध के लिए हर तूफान का एक विशेष नाम रखा जाता है. ये जिम्मेदारी 13 देशों पर होती है. चक्रवातों का नामकरण एक व्यवस्थित पद्धति से रखा जाता है. सभी चक्रवातों का नाम विश्व मौसम विभाग के तहत आने वाले दुनिया भर में फैले वॉर्निंग सेंटर की तरफ से किया जाता है.

इसका मतलब ये है कि जिन देशों में चक्रवातों के कहर की आशंका होती है उन्ही देशों के समूह क्रमशः तूफान का नामकरण करते हैं.

वर्तमान में ये देश रखते हैं चक्रवातों के नाम

नाम रखने वाले देशों के इस पैनल में 13 देश हैं जिनमें भारत, पाकिस्तान, मालदीव, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सउदी अरब, यूएई और यमन शामिल हैं. पिछले साल इन देशों ने 13 नाम सुझाए थे. इसके चलते चक्रवातों के 169 नामों की लिस्ट तैयार की गई थी. चक्रवाती तूफान के 64 देश नाम तय करते हैं.

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अल्फाबेट क्रम में मिलता है नाम रखने का मौका

जब चक्रवात इन आठों देशों के किसी हिस्से में पहुंचता है, सूची से अगला दूसरा सुलभ नाम रख दिया जाता है. इन आठ देशों की ओर से सुझाए गए नामों के पहले अक्षर के अनुसार उनका क्रम तय किया जाता है और उसके हिसाब से ही चक्रवाती तूफान के नाम रखे जाते हैं. साल 2004 में चक्रवाती तूफान के नामकरण की यह प्रकिया शुरू की गई है.

ओमान ने किया है 'यास' तूफान का नामकरण

चक्रवात तूफान ताउते नाम इस बार म्यांमार की ओर से दिया गया है. इसका अर्थ है- बहुत शोर मचाने वाली छिपकली. भविष्य में आनेवाले तूफानों के नाम पहले से ही तय कर लिए गए हैं. म्यांमार के बाद ओमान के अगले तूफान का नाम यास दिया है.  इसके अगले तूफान का नाम पाकिस्तान ने गुलाब दिया है. भारत ने भी नीर नामक तूफान का नाम सुझाया है.

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