नेहरू के जन्मदिन पर पहली बार चांद पर पहुंचा था भारत, UPA ने नाम रखा-जवाहर प्वाइंट

इसरो ने घोषणा की है कि वह बुधवार को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर लैंडिंग कराई जाएगी. यह भारत के लिए इसलिए भी ऐतिहासिक कदम है क्योंकि करीब 20 साल पहले भारत ने चांद को लेकर अपने मिशन की लॉन्चिंग की थी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 23, 2023, 03:14 PM IST
  • जानिए क्यों खास है भारत का ये मिशन
  • ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बनेगा भारत
नेहरू के जन्मदिन पर पहली बार चांद पर पहुंचा था भारत, UPA ने नाम रखा-जवाहर प्वाइंट

नई दिल्लीः भारत के चंद्रयान-3 की लैंडिंग को लेकर देशभर में प्रार्थनाओं का दौर जारी है. इसरो ने घोषणा की है कि वह बुधवार को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर लैंडिंग कराई जाएगी. यह भारत के लिए इसलिए भी ऐतिहासिक कदम है क्योंकि करीब 20 साल पहले भारत ने चांद को लेकर अपने मिशन की लॉन्चिंग की थी. साल 2003 में शुरू की गई इस मुहिम में भारत की ओर से अब तक 3 बार चांद पर यान भेजा गया है. पहली बार साल 2008 वो पल था जब भारत चांद पर पहुंचा था. आइए जानते हैं उससे जुड़ी कुछ खास बातें...

अटल बिहारी वाजपेयी ने शुरू किया था मिशन

15 अगस्त साल 2003 में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने चंद्रयान कार्यक्रम की घोषणा की थी. भारत ने 22 अक्टूबर साल 2008 को पहली बार श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-1 मिशन की सफल लॉन्चिंग की थी. उस समय तक केवल चार अन्य देश अमेरिका, रूस, यूरोप और जापान ही चंद्रमा पर मिशन भेजने में कामयाब हो सके थे. ऐसा करने वाला भारत पांचवां देश था.

14 नवंबर को हुआ था दुर्घटनाग्रस्त

14 नवंबर 2008 को चंद्रयान-1 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया लेकिन तब तक उसने चांद की सतह पर पानी के अणुओं की मौजूदगी की पुष्टि कर दी थी. चंद्रयान-1 का डेटा इस्तेमाल करके चांद पर बर्फ की पुष्टि कर ली गई थी. 28 अगस्त 2009 को इसरो के अनुसार चंद्रयान-1 कार्यक्रम की समाप्ति कर दी थी, लेकिन यह शुरुआत भर थी.

भारत ने नाम रखा जवाहर प्वाइंट
जिस स्थान पर चंद्रयान-1 पहुंचा था  उस जगह का नाम भारत सरकार ने जवाहर प्वाइंट रख दिया था. 14 नवंबर  को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन भी है. ये पहला मौका था जब चांद पर भारत ने अपनी धमक दिखाई थी. इसके बाद साल 2019 में इसरो ने चंद्रयान-2 मिशन की लॉन्चिंग की थी. हालांकि, लैंडिंग से पहले ही इसरो का संपर्क टूट गया था. चंद्रयान-2 चांद की सतह पर सुरक्षित उतरने में विफल रहा था. तब इसरो कंट्रोस रूम में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इसरो पहले समझने की कोशिश करेगा कि क्या हुआ है, उसके बाद अगले कदम पर फैसला करेगा और अब इसरो तीसरी बार चांद पर कदम रखने जा रहा है.

अब चंद्रयान-3 मिशन है खास
भारत का तीसरा मून मिशन यानी चंद्रयान-3 यानी की 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर लैंड करेगा. चंद्रमा की सतह पर लैंड करते ही भारत चांद के साउथ पोल पर पहुंचने वाला पहला देश बन जाएगा. चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. 

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