नई दिल्ली: कोरोना काल में विदेशों में फंसे हिन्दुस्तानियों की वतन वापसी का कार्यक्रम चल रहा है. भारतीय नौसेना का युद्धपोत INS जलाश्व मालदीव की राजधानी माले में फंसे करीब एक हजार भारतीयों की वापसी के लिए बड़ा संकटमोचक साबित होगा.
समंदर के सिकंदर बनेंगे संकटमोचक!
समंदर की लहरों से उम्मीद लेकर विदेश पहुंचने वाला भारतीय नौसेना का 'INS जलाश्व' वो युद्धपोत है जो मुसीबत की इस घड़ी में मालदीव में फंसे भारतीयों के लिए एक बड़ा संकटमोचक साबित होगा. इस बीच इस नीचे दिए इस वीडियो में हर कोई देख सकता है कि कैसे 'INS जलाश्व' को सैनेटाइज किया जा रहा है.
VIDEO देखें..
INS Jalashwa of @indiannavy being sanitized.
The ship arrived at Malè yesterday & will be ferrying back Indian citizens stranded at Maldives during the ongoing COVID-19 pandemic.#Op_SamudraSetu#IndiaFightsCorona@SpokespersonMoD @MEAIndia pic.twitter.com/yooSufrq46
— Defence PRO Shillong (@proshillong) May 8, 2020
आईएनएस जलाश्व को सैनेटाइज किया गया. दरअसल, यह जहाज कल माला में पहुंचा और चल रहे COVID-19 महामारी के दौरान मालदीव में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस भेजेगा.
कोरोना से जूझती दुनिया के बीच भारत नभ हो या फिर जल दोनों जगहों से भारतीयों को लाने की तैयारी हो चुकी है. आकाश के साथ-साथ जल मार्ग से भी विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने की शुरुआत हो चुकी है जिसकी कड़ी में INS जलाश्व मालदीव पहुंच भी चुका है.
युद्धपोत करेंगे भारतीयों का रेस्क्यू
करीब एक हजार भारतीय जो कोरोना काल में विदेशों में फंसे हुए हैं. भारतीय नौसेना ने उन्हें, वतन वापस लाने के लिए ऑपरेशन 'समुद्र-सेतु' को लॉन्च किया. ऐसे में जल और नभ दोनों ही रास्तों से भारतीयों को घर वापस लाने का अभियान चल रहा है. समुद्र सेतु ऑपरेशन के तहत भारतीय नौसेना अपने तीन बड़े युद्धपोतों का इस्तेमाल करेगी. आपको उन तीनों के बारे में बताते हैं.
आईएनएस जलश्व, आईएनएस मगर और आईएनएस शार्दुल
INS जलाश्व और INS मगर मालदीव की राजधानी माले से लोगों को निकालेंगे. जबकि INS शार्दुल दुबई में फंसे लोगों को लेने के लिए रवाना हुआ है.
समंदर के जरिए भारत के इस रेस्क्यू ऑपरेशन के पहले चरण में करीब 1 हज़ार भारतीय वापस लाए जाएंगे. लेकिन वापस आने वाले भारतीयों को ज़रूरी मेडिकल स्क्रीनिंग के बाद ही वापस भेजा जाएगा.
युद्धपोत में क्रू और लोगों के लिए जरूरी राशन और सामान
जानकारी के अनुसार INS जलाश्व और INS मगर के जरिए माले से सभी भारतीयों को कोच्चि लाने का प्लान है. खास बात ये है कि क्रू और लोगों के लिए दोनों ही युद्धपोत में जरूरी सामान एवं राशन मौजूद है. इसके अलावा स्वास्थय-सुविधाएं और सोशल-डिस्टेंसिंग समेत कोरोना वायरस से जुड़े सभी प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य है. दोनों युद्धपोतों में क्रू के अलावा कम से कम 500 लोगों को और ले जाया जा सकता है.
माले से कोच्चि की दूरी करीब 900 किलोमीटर है. आपको बता दें कि जिन युद्धपोतों को मालद्वीप भेजा गया है वो तीनों ही भारतीय नौसेना की शान हैं. ये तीनों ही एम्फीबियस जहाज हैं. यानी समंदर के साथ साथ ये जमीन पर आ सकते हैं.
आईएनएस जलाश्व की खासियत
आपको इसी कड़ी में INS जलाश्व के बारे में कुछ जानकारी दे देते हैं. ये पूर्व अमेरिकी नौसेना जहाज है, जिसको भारतीय नौसेना ने 2007 में अधिग्रहित किया था. 16,000 टन से ज्यादा वजन के साथ INS जलाश्व टैंकों को ले जाने में सक्षम है. इसके अलावा इसमें 1,000 तक सैनिक रह सकते हैं.
इनमें से आईएनएस मगर तो 80 के दशक में श्रीलंका में ऑपरेशन पवन के दौरान भारतीय सैनिकों को पहुंचाने के काम आया था. खास बात तो ये है हाल के वर्षों में भारतीय नौसेना की ओर से ये तीसरा बड़ा ऑपरेशन है, जब विदेशों में फंसे हिंदुस्तानियों को वतन वापस लाया जा रहा है.
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वर्ष 2015 में भारतीय नौसेना ने यमन में हुए गृहयुद्ध के दौरान ऑपरेशन राहत के तहत मिशन को अंजाम दिया था. इससे पहले वर्ष 2006 में भी ऑपरेशन सुकून के जरिए लेबनान से भारतीयों और दूसरे दक्षिण एशियाई नागरिकों को निकालने का काम किया था. अब ऑपरेशन सेतु विदेशों में फंसे लोगों के लिए एक बड़ी राहत की तरह बनकर सामने आया है.
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