भोपाल: मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार संकट में है क्योंकि उसके अपने विधायक और वरिष्ठ नेता बागी रुख अपनाए हुए हैं. इस बीच कमलनाथ ने मध्यप्रदेश की जनता के नाम खुला पत्र लिखा है जिसमें उनकी सरकार गिर जाने की आहट आ रही है. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए लिखा कि भाजपा मेरी सरकार को कमजोर कर रही है. क्या भाजपा जनता के निर्णय को कुलना चाहती है. आपको बता दें कि भाजपा को मध्यप्रदेश चुनाव में कांग्रेस से ज्यादा वोट मिले थे लेकिन सीटें ज्यादा होने के कारण कांग्रेस ने गठबंधन की सरकार बना ली थी.
सरकार गिरने के डर में विक्टिम कार्ड खेल रहे कमलनाथ
आपको बता दें कि अपनी सरकार गिरने के डर में कमलनाथ विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं और लोगों की सहानुभूति बंटोरने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया कि भाजपा धन के बल बर सरकार गिराना चाहती है. हालांकि अब तक कमलनाथ यही कहते थे कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है, लेकिन अब इस चिट्ठी के माध्यम से उन्होंने अपनी कुर्सी जाने का दर्द बयां किया है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का प्रदेश वासियों के लिए संदेश: "मैं ये कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था कि सत्ता की लोलुपता भाजपा के नेताओं को इस कदर नैतिक पतन की ओर ले जाएगी..." pic.twitter.com/B1aMUGPYN3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 7, 2020
विधायकों के बिकने का डर
कमलनाथ के अपने विधायकों की निष्ठा पर शक है. इसीलिये वे कह रहे हैं कि भाजपा सरकार गिराने के लिये उनके विधायकों को खरीद रही है. दिग्विजय सिंह ने तो यहां तक कह दिया था कि भाजपा उनके विधायकों को 35- 35 करोड़ रुपये का लालच दे रही है.
जानिये क्यों गिर सकती है कमलनाथ सरकार
मध्य प्रदेश विधानसभा की स्थिति पर गौर करें तो कुल 230 विधायकों की विधानसभा में से इस वक्त 228 विधायक हैं. दो सीट विधायकों की निधन के चलते खाली हैं. कांग्रेस के 114 विधायक, बीजेपी के 107, बीएसपी के दो विधायक, समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं. बहुमत 115 पर है. अगर भाजपा, कांग्रेस के 15 विधायक तोड़ लेती है तो कमलनाथ सरकार गिर जाएगी और 107 विधायक होने के नाते भाजपा सरकार बना सकती है. कई कांग्रेस विधायक तो पहले से भाजपा के संपर्क में हैं. साथ ही बसपा और सपा के विधायक भी भाजपा का साथ दे रहे हैं.
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कमलनाथ को भाजपा से ज्यादा सिंधिया से खतरा
माना जा रहा है कि जब से कमलनाथ सरकार पर संकट आया है तब से ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ से एक भी बयान नहीं आया है. इससे ये कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं वही तो कमलनाथ सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं. उल्लेखनीय बात ये है कि जिन विधायकों ने बागी रुख अपनाया है और भाजपा के नरोत्तम मिश्र के संपर्क में है वे सभी सिंधिया गुट के विधायक माने जाते हैं. कमलनाथ को सिंधिया गुट के विधायकों से ज्यादा खतरा है.
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