अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे का बड़ा हमला, बोले- 'जगदीप धनखड़ सरकार के सबसे बड़े प्रवक्ता'

no-confidence motion against jagdeep dhankhar: मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की 'निष्ठा' संविधान और संवैधानिक परंपरा के बजाय सत्तारूढ़ भाजपा के प्रति है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Dec 11, 2024, 03:59 PM IST
  • धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
  • 1952 से उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया
अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे का बड़ा हमला, बोले- 'जगदीप धनखड़ सरकार के सबसे बड़े प्रवक्ता'

Kharge targets Rajya Sabha chairman Jagdeep Dhankar: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर निशाना साधते हुए उन्हें 'सरकार का सबसे बड़ा प्रवक्ता' बताया. धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के बारे में बोलते हुए खड़गे ने कहा, 'राज्यसभा में व्यवधान का सबसे बड़ा कारण खुद सभापति हैं.'

INDIA bloc ने उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को हटाने के लिए राज्यसभा में प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस दिया है.

खड़गे ने कहा कि 1952 से उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया क्योंकि इस पद पर बैठे व्यक्ति 'निष्पक्ष और राजनीति से परे' थे और 'हमेशा सदन को नियमों के अनुसार चलाया.' खड़गे ने कहा, 'लेकिन आज सदन में नियमों से ज्यादा राजनीति है.'

कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि राज्यसभा के सभापति 'एक हेडमास्टर की तरह शिक्षा देते हैं.'

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'विपक्ष की ओर से जब भी नियमों के अनुसार महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जाते हैं - तो सभापति योजनाबद्ध तरीके से चर्चा की अनुमति नहीं देते हैं. बार-बार विपक्षी नेताओं को बोलने से रोका जाता है.'

खड़गे ने आरोप लगाया कि उपराष्ट्रपति धनखड़ की 'निष्ठा' संविधान और संवैधानिक परंपरा के बजाय सत्तारूढ़ भाजपा के प्रति है.

खड़गे ने कहा, 'वह अपनी अगली पदोन्नति के लिए सरकार के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे हैं. मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि राज्यसभा में सबसे बड़ा व्यवधान पैदा करने वाला व्यक्ति खुद सभापति हैं.'

हमारी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं
उन्होंने दावा किया कि राज्यसभा के सभापति ने 'देश की गरिमा को ठेस पहुंचाई है' और स्थिति के कारण ही INDIA bloc को अविश्वास प्रस्ताव के लिए यह नोटिस लाने के लिए मजबूर होना पड़ा. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'हमारी उनसे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या राजनीतिक लड़ाई नहीं है. हम देशवासियों को बताना चाहते हैं कि हमने लोकतंत्र, संविधान की रक्षा के लिए और बहुत सोच-समझकर यह कदम उठाया है.'

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