नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद पर राहुल और सोनिया गांधी की बयानबाजी ने खुद उन्हें ही संकट में डाल दिया है. सेना के त्याग को कटघरे में खड़ा करने वाले राहुल गांधी और सोनिया गांधी अपने चीनी सम्बंधों पर चुप्पी साधे बैठे हैं. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज फिर से गांधी परिवार के चीन के साथ गुप्त संबंधों पर कई सवाल किए.
देश के साथ कांग्रेस ने किया धोखा- जेपी नड्डा
Rajiv Gandhi Foundation got donations from Chinese Embassy from 2005 to 2009. It received donations from tax havens of Luxembourg every year b/w 2006 to 2009.What does it indicate to?NGOs&companies with deep commercial interests donated money to the foundation:BJP Chief JP Nadda pic.twitter.com/ts7cbvF2ek
— ANI (@ANI) June 27, 2020
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस से पूछा कि देश की सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने गांधी परिवार की महत्वाकांक्षाओं को वरीयता क्यों दी. राजीव गांधी फाउंडेशन में चीन से फंडिंग कराई गई और उसके बदले में चीन को क्या राहत दी गयी. जेपी नड्डा ने कहा 130 करोड़ देशवासी जानना चाहते हैं कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए क्या-क्या काम किया और किस तरह से आपने देश के विश्वास के साथ विश्वासघात किया है.
पीएम मोदी के हाथों में देश सुरक्षित
It's a sacrifice of national interest to accept money from foreign powers in personal trust. The country wants to know what transpired between the Rajiv Gandhi Foundation and the Chinese government?: BJP Chief JP Nadda https://t.co/o9UC5zpBYm
— ANI (@ANI) June 27, 2020
जेपी नड्डा ने कहा कि भारत की फौज देश की और हमारी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश सुरक्षित है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी पहले ये बताएं कि उन्होंने भारत की अखंडता और संप्रभुता के साथ छल क्यों किया.
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प्रधानमंत्री राहत कोष का हुआ दुरुपयोग
जेपी नड्डा ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीन से कई NGO के माध्यम से धन लिया गया ताकि जांच में चोरी न पकड़ी जाए. उन्होंने पूछा कि पीएम नेशनल रिलीफ फंड का ऑडिटर कौन है? ठाकुर वैद्यनाथन एंड अय्यर कंपनी ऑडिटर थी. रामेश्वर ठाकुर इसके फाउंडर थे, वो राज्य सभा के सांसद थे और 4 राज्यों के राज्यपाल रहे और कई दशकों तक उसके ऑडिटर रहे. इन लोगों ने केवल लोकतंत्र को खतरे में डाल बल्कि देश को ही बेचने की कोशिश की.