नई दिल्ली: Kabul gurdwara attack: सतविंदर सिंह पर जिस वक्त हमला किया गया, वह स्नान कर रहे थे और उन पर कई गोलियां चलाई गईं. ये कहना है काबुल गुरुद्वारा हमले में मारे गए सतविंदर सिंह के परिवार के एक सदस्य का. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शनिवार को गुरुद्वारा करते परवान में कई विस्फोट हुए, जिनमें एक सिख सहित दो लोगों की मौत हो गई थी.
पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल
नयी दिल्ली में सविंदर सिंह का परिवार उनके निधन की खबर सुन कर स्तब्ध रह गया. सिंह की पत्नी के भाई पुपेंद्र सिंह (36) ने बताया उनकी बहन की रो-रोकर तबियत खराब हो गई है. सविंदर सिंह सेवा करने के लिए गुरुद्वारा करते परवान गए थे और उसके परिसर में बने एक कमरे में ही ठहरे थे.
उन्होंने कहा, ‘‘ काबुल में रहने वाले मेरे छोटे भाई का कल फोन आया और उन्होंने गुरुद्वारे पर हुए हमले की जानकारी दी. वह टैक्सी में अपने दोस्तों के साथ जलालाबाद जा रहे थे, लेकिन हमले के बारे में पता चलते ही वे काबुल निकल गए.’’
अफगानिस्तान के ही रहने वाले थे सतविंदर
काबुल में जन्मे पुपेंदर ने बताया कि वह अफगानिस्तान के एक सिख परिवार से हैं और सविंदर सिंह तथा परिवार के कई अन्य सदस्य का जन्म अफगानिस्तान में हुआ और वहीं पले-बढ़े. उन्होंने कहा, ‘‘ जब मेरा भाई काबुल पहुंचा, तब तक तालिबानी बल भी वहां पहुंच चुका था. गुरुद्वारे में कई विस्फोट हुए थे. मेरे भाई ने सविंदर का शव देखा और मुझे फोन करके बताया कि ‘‘वह शहीद हो गए हैं’’. हमारे पास उनके शव की तस्वीरें और वीडियो हैं. उनके सीने पर दो जगह गोली लगने के निशान हैं. उन्हें कई गोलियां मारी गईं, मेरे भाई ने मुझे बताया कि वह गुसलखाने में नहा रहे थे, जब उन पर गोलियां चलाई गईं. दरवाजा टूटा हुआ था.’’
आतंकी हमले में पहले गई थी मामा की जान
पुपेंद्र ने बताया कि यह कहर उनके परिवार पर दूसरी बार बरपा है. 2018 में जलालाबाद में हुए एक आत्मघाती हमले में उनके मामा मारे गए थे. पुपेंद्र 2010 में दिल्ली आ गए थे. उन्होंने बताया कि अगस्त 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान को अपने नियंत्रण में लेने के बाद उनका परिवार चाहता था कि सविंदर सिंह भी भारत आ जाएं, लेकिन वीजा ना मिलने के कारण वह यहां नहीं आ पाए.
पैगंबर मोहम्मद के ‘‘समर्थन में किया हमला’’
इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है और इसे पैगंबर मोहम्मद के ‘‘समर्थन में किया हमला’’ बताया है. इस बीच गुरुद्वारे पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने अफगानिस्तान में रह रहे 100 से अधिक सिखों और हिंदुओं को ई-वीजा दिया है. गृह मंत्रालय ने इन लोगों को इलेक्ट्रॉनिक वीजा ‘‘प्राथमिकता के आधार पर’’ दिया है.
आतंकवादी समूह की वेबसाइट ‘अमाक’ पर पोस्ट किए गए बयान में इस्लामिक स्टेट से संबंद्ध इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) ने कहा कि शनिवार को किया गया हमला हिंदुओं, सिखों और उन धर्मभ्रष्ट लोगों के खिलाफ है जिन्होंने अल्लाह के दूत का अपमान करने में साथ दिया. इससे कुछ दिन पहले ही उसने एक वीडियो जारी करते हुए भारतीय जनता पार्टी के दो पूर्व पदाधिकारियों की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई टिप्पणी का बदला लेने के लिए हिंदुओं के खिलाफ हमले करने की चेतावनी दी थी.
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