Kolkata Rape Case: कोर्ट नहीं मानता पॉलीग्राफ टेस्ट का रिजल्ट, फिर ये करवाने की जरूरत क्या है?

Kolkata Rape Case Polygraph Test:कोलकाता रेप केस के मुख्य आरोपी समेत 7 लोगों का पॉलीग्राफी टेस्ट होना है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोर्ट में पॉलीग्राफी टेस्ट का रिजल्ट मानी नहीं होता है. लेकिन फिर भी जांच एजेंसियां ये टेस्ट क्यों करवाती हैं?

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 24, 2024, 01:44 PM IST
  • पॉलीग्राफ टेस्ट कोर्ट में मान्य नहीं
  • आरोपी की सहमति पर ही होता है टेस्ट
Kolkata Rape Case: कोर्ट नहीं मानता पॉलीग्राफ टेस्ट का रिजल्ट, फिर ये करवाने की जरूरत क्या है?

नई दिल्ली: Kolkata Rape Case Polygraph Test: कोलकाता रेप-मर्डर केस की गुत्थी सुलझाने के लिए 7 लोगों का पॉलीग्राफी टेस्ट होना है. इनमें मुख्य आरोपी संजय रॉय भी शामिल हैं. मृत महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथियों का पॉलीग्राफी टेस्ट भी होनो है. सियालदह कोर्ट ने इस पॉलीग्राफी टेस्ट की मंजूरी दी है. हालांकि, इस पॉलीग्राफी टेस्ट का रिजल्ट कोर्ट में मानी नहीं होगा. ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब पॉलीग्राफ टेस्ट का रिजल्ट कोर्ट में मान्य ही नहीं है, तो फिर CBI ये टेस्ट क्यों करवा रही है?

क्या होता है पॉलीग्राफ टेस्ट? (Polygraph Test Kya hai)
लाई डिटेक्टर टेस्ट को ही पॉलीग्राफ टेस्ट कहा जाता है. इसमें शरीर को कार्डियो-कफ या सेंसेटिव इलेक्ट्रोड से मॉनिटर से जोड़ा जाता है. फिर पूछताछ होती है, झूठ बोलने पर पसीना आने लगता है, दिल की धड़कन की रफ्तार बदल जाती है. रक्त प्रवाह में भी बदलाव देखने को मिलता है. इससे ये पता लग जाता है कि सामने वाला झूठ कह रहा है या सच कह रहा है. 

पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए किसकी सहमति जरूरी?
पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए आरोपी की सहमति जरूरी है. यदि आरोपी सहमति नहीं देता है, तो उसे बाध्य करके पॉलीग्राफ टेस्ट नहीं किया जा सकता. आमतौर पर आरोपी खुद को निर्दोष साबित करने के लिए पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए हामी भर देते हैं. आरोपी को कोर्ट के सामने पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सहमति देनी पड़ती है.

पॉलीग्राफ टेस्ट में दिया गया बयान कोर्ट में मानी नहीं
पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान दिया गया कोर्ट में मान्य नहीं होता है. न ही पॉलीग्राफ टेस्ट का रिजल्ट अदालत में माना जाता है. पॉलीग्राफ टेस्ट 100% सही नहीं होता. साइंस पॉलीग्राफ टेस्ट के रिजल्ट में भी डाउट मानता है. 

फिर क्यों कराया जाता है पॉलीग्राफ टेस्ट?
पॉलीग्राफ टेस्ट भले कोर्ट में मान्य नहीं है, लेकिन इससे जांच एजेंसियों को मदद मिलती है. जैसे- किसी मर्डर के आरोपी से पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान मर्डर वेपन के बारे में पूछा गया. उसके बताने के बाद पुलिस ने उस हथियार को बरामद कर लिया तो यह केस का अहम सबूत बन सकता है. इसके अलावा, घटनाक्रम को समझने या ये जानने के लिए भी पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जाता है कि जांच एजेंसी सही ट्रैक पर है या नहीं. 

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