लैंसेट की स्टडी: समय के साथ बदल जाते हैं कोरोनावायरस के लक्षण, ये बड़ी बात आई सामने

लैंसेट के शोध में ये सामने आया है कि बच्चों में लंबे समय तक चलने वाले कोरोनावायरस के लक्षण समय के साथ बदल जाते हैं.

Written by - Pooja Makkar | Last Updated : Dec 5, 2022, 05:28 PM IST
  • बदल रहे हैं लॉन्ग कोविड के लक्षण
  • अनुभव हो रहे अलग-अलग लक्षण
लैंसेट की स्टडी: समय के साथ बदल जाते हैं कोरोनावायरस के लक्षण, ये बड़ी बात आई सामने

नई दिल्ली: लैंसेट रीजनल हेल्थ यूरोप में प्रकाशित हुई एक स्टडी के मुताबिक जिन लोगों को कोरोनावायरस के साइड इफेक्टस लंबे समय तक परेशान करते हैं, उनमें साइड इफेक्टस के लक्षण बदल जाते हैं. ये रिसर्च यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में की गई है. इस तथ्य को समझने के लिए लंदन में रिसर्च की गई.

5086 बच्चों के लिए गए सैंपल
रिसर्चर्स ने 11 से 17 वर्ष के बच्चों के पीसीआर टेस्ट किए. सितंबर 2020 से मार्च 2021 के बीच ये टेस्ट किए गए. और इसके बाद 6 महीने बाद और फिर 12 महीने बाद बच्चों से उनके लक्षणों के बारे में पूछा गया.  

5086 बच्चों के सैंपल लिए गए. इन बच्चों में से 2909 कोरोना पॉजिटिव निकले जबकि 2177 नेगेटिव निकले. शोधकर्ताओं ने 21 कॉमन लक्षणों की एक लिस्ट तैयार की. जैसे सांस फूलना, थकान, मानसिक परेशानियां और याद्दाश्त पर असर. रिसर्च के दौरान पाया गया कि टेस्टिंग के वक्त बच्चों और बड़ों को एक जैसे ही लक्षण थे. उनके लक्षण टेस्ट के वक्त, फिर 6 महीने बाद और फिर 12 महीने के बाद चेक किए गए.

वक्त बीतते के साथ कम होते हैं लक्षण
जो लोग पॉजिटिव पाए गए उनमें से 11 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें हर वक्त थकान महसूस हुई. जबकि नेगेटिव पाए गए केवल 1.2% को तीनों बार थकान महसूस हुई. ये भी पाया गया कि जैसे जैसे कोविड पॉजिटिव होने के बाद का वक्त बीता बैसे बैसे लक्षण भी कम होते गए हालांकि बच्चों के मामले में 6 महीने बीतते बीतते लक्षण बदल गए.  

इसी तरह जब लाइफ क्वालिटी, मानसिक परेशानियां और याद्दाश्त जैसे मानकों को फिर से चेक किया गया तो उनमें भी बदलाव पाए गए.

Long Covid के लक्षण
लॉंग कोविड एक ऐसी स्थिति है, जिसमें कुछ लक्षण कोविड से बीमार होने के बाद भी बने रहते हैं या फिर धीरे-धीरे विकसित होते रहते हैं.

कोरोनावायरस से रिकवर होने के बाद अगर बच्चों में 4 हफ्ते बाद भी एनर्जी ना हो, उन्हें भूख ना लगे, वज़न बढ़ ना रहा हो, सिर दर्द और ब्रेन फॉग जैसी स्थिति बनी हुई हो तो ये लॉन्ग कोविड हो सकता है. लॉन्ग कोविड पहले 6 महीने तक माना जाता था लेकिन रिसर्च के मुताबिक अब लॉन्ग कोविड के साइड इफेक्ट्स 12 महीनों तक देखे जा रहे हैं.

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