नई दिल्ली: पूरा देश गलवान में भारतीय सेना के जवानों का बलिदान नहीं भूला होगा. बॉर्डर पर चीन की अतिक्रमणकारी नीति भी हर किसी को याद होगी. भारत के सामने इस वक्त सबसे बड़ा खतरा कौन है इसके जवाब में भी ज्यादातर भारतीय चीन का ही नाम लेंगे.
लेफ्ट की चीन से दोस्ती क्यों नहीं टूटती?
साफ है एलएसी पर जो अपनी बातों से पीछे हटकर भारत की जमीन को अपना बताता है. भारत की जमीन पर कब्जे की नीयत रखता है. गलवान में मिले धोखे के बाद उस चीन से यारी के बारे में कोई भारतीय नहीं सोच रहा होगा, लेकिन देश मे कुछ नेता इसके अपवाद भी हैं. सबसे पहले नीचे दी हुई तस्वीरों को देखिए..
CPIM's Sitaram Yechury, CPl's D Raja, Lok Sabha MP S.Senthilkumar, G. Devarajan, Secy, Central Committee of All India Forward Bloc & Du Xiaolin, Counselor, International Dept, CPC, participated in a Chinese Embassy event y'day to mark the centenary of Chinese Communist Party(CPC) pic.twitter.com/oAJReO1SCN
— ANI (@ANI) July 29, 2021
इस वर्चुअल मीटिंग की तस्वीर में नजर आ रहे ये भारत में चीन के राजदूत सुन वेईदोंग हैं. उनके साथ वर्चुअल मीटिंग में सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी मौजूद हैं. सीपीआई महासचिव डी. राजा और सीपीसी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के काउंसलर डू शियाओलिन नजर आ रहे हैं.
इसके अलावा इस मीटिंग में लोकसभा सांसद एस. सेंथिलकुमार और अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक की केंद्रीय समिति के सचिव जी. देवराजन भी मौजूद थे. ये मौका चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 100वें स्थापना दिवस पर भारत में चीन के दूतावास में आयोजित सेमिनार का था. जिसमें कम्युनिस्ट पार्टी के बड़े नेताओं ने शिकरत की थी.
खास बात ये है कि इस सेमिनार में गलवान ओर भारत के साथ सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर भी बात की गई. ऐसे में लेफ्ट पार्टियों की चीन के साथ इस जुगलबंदी पर सवाल उठना ही था और उठा भी.
चीन से लेफ्ट पार्टियों की जुगलबंदी?
चीन के राजदूत के साथ लेफ्ट पार्टियों के नेताओं से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरा होने के मौके पर एक सेमिनार में हिस्सा लिया. जिसके बाद बीजेपी ने लेफ्ट नेताओं पर हमला बोला है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि लेफ्ट पार्टियों की निष्ठा हमेशा बाहरी ताकतों के साथ रही है और इसी वजह से लेफ्ट को देश की जनता ने नकार दिया है.
चीन से लेफ्ट पार्टियों की दोस्ती की ताजा घटना का जिक्र हुआ तो बीजेपी नेताओं ने पुरानी कहानियां भी सुना डालीं. पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने लेफ्ट पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि लेफ्ट की निष्ठा हमेशा से चीन के साथ रहा है.
वैसे लेफ्ट पार्टियां इससे पहले चीन में सीपीसी के 100 साल पूरा होने पर चीन के राष्ट्रपति की खुलकर तारीफ कर चुकी हैं.
येचुरी ने की शी जिनपिंग की तारीफ
चीन में सीपीसी के 100 साल पूरा होने पर लेफ्ट पार्टियों ने बधाई दी थी. सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने चीन के राष्ट्रपति को पत्र भी लिखा, कोरोना संक्रमण से चीन के निपटने के तरीके को दुनिया के लिए सबक बताया. येचुरी ने शी जिनपिंग की नेतृत्व क्षमता की तारीफ भी की.
सीपीसी के 100 साल पर शी जिनपिंग
चलिए अब हम आपको बताते हैं चीन के राष्ट्रपति ने सीपीसी के 100 साल पूरा होने चीन में हुए बड़े जश्न के दौरान क्या कहा था. शी जिनपिंग ने चीन की सेना को और मजबूत बनाने की बात कही थी. दुश्मनों का सिर कुचलने और खून बहाने की बात की. विदेशी ताकत को धमकाने या उत्पीड़न का मौका नहीं देने की बात की.
चीन के इरादे साफ हैं, लेकिन इसके बावजूद लेफ्ट पार्टियों को उससे दोस्ती और बातचीत में कोई बुराई नजर नहीं आती.
अब सवाल उठता है कि अगर बीजेपी के साथ भी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के संबंध हैं तो बीजेपी का कोई नेता इस मीटिंग में मौजूद क्यों नहीं था. साफ है चीन के साथ विवाद के बीच कोई उससे दोस्ती की बात नहीं करना चाहता. ऐसे में सवाल उठता है लेफ्ट पार्टियों को चीन से और चीन को सीसीपी से बातचीत और संबंध के क्या मायने हैं.
जिस वक्त चीन भारत के लिए सबसे बड़ा तरा बना हुआ है उस वक्त लेफ्ट पार्टियां चीन के साथ दोस्ती क्यों निभा रही हैं. वैसे 1962 से लेकर कई बार ऐसे मौके आए हैं. जब चीन से भारत के विवाद के बीच लेफ्ट पार्टियों की निष्ठा पर सवाल उठाए गए हैं और इस बार भी लेफ्ट पार्टियों को चीन के साथ दोस्ताना निभाने में कोई बुराई नजर नहीं आ रही है.
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.