लॉकडाउन ने भारत को दिया अनोखा तोहफा, नदियों का पॉल्यूशन 'डाउन'

जानलेवा कोरोना वायरस आज इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन बन गया है. लेकिन इस महामारी की वजह से कुछ ऐसे चमत्कार हो रहे हैं. जिसकी कल्पना शायद ही किसी ने की हो. कोरोना की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन है. लेकिन इस लॉकडाउन की वजह से पर्यावरण के लिए लगातार अच्छी खबरें आ रही हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 6, 2020, 04:39 AM IST
    • प्रदूषण घटा, नदियां हुईं साफ, जलस्तर बढ़ा
    • लॉकडाउन से निर्मल होने लगी गंगा-यमुना
    • लॉकडाउन के बाद नदियों की बदली सूरत
    • निर्मल हुई गंगा, यमुना का जलस्तर भी बढ़ा
    • आसमान की तरह नीली दिखने लगी यमुना
    • लॉकडाउन में गंगा-यमुना में बीओडी का स्तर घटकर 2.1 पर पहुंचा
    • बीओडी लेवल घटने से गंगा-यमुना का पानी नज़र आ रहा है नीला
    • AQI भी पिछले कुछ सालों के सबसे अच्छे स्तर पर पहुंचा
लॉकडाउन ने भारत को दिया अनोखा तोहफा, नदियों का पॉल्यूशन 'डाउन'

नई दिल्ली: कोरोना को हराने के लिए भारत ने सबसा बड़ा और बेहतर हथियार लॉकडाउन को बनाया है. देश में 21 दिनों का लॉकडाउन चल रहा है. लेकिन इस लॉकडाउन के चलते देश के अलग-अलग कोने से काफी सारी अच्छी खबरें आ रही हैं. आपको एक-एक करके अलग-अलग शहरों के हालात से रूबरू कराते हैं.

दिल्ली

जो काम अब तक करोड़ों की सरकारी योजनाएं नहीं कर पाई वो लॉकडाउन ने कर दिखाया. कोरोना वायरस रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन का ऐलान हुआ और इसका नतीजा ये रहा कि भारत में प्रदूषण का स्तर रिकॉर्ड स्तर पर नीचे आ चुका है. जिसकी वजह से शहरों की हवा-पानी पूरी तरह शुद्ध हो गई.

ये लॉकडाउन का ही सबसे बड़ा परिणाम है कि जीवन दायनी, पतित पावनी गंगा नदी से लेकर विलुप्त होने की कगार पर खड़ी यमुना नदी नीले आसमान की तरह नजर आ रही है. दिल्ली में यमुना के इस अविरल धारा को देखकर हर कोई हैरान है.

वाराणसी, उत्तर प्रदेश

कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए सरकार ने 21 दिन तक पूरे देश में लॉक डाउन जैसे ही किया तो गंगा का जंल स्वच्छ दिखने लगा. गंगा घाट पर पसरा ये सन्नटा पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कभी पर्यटकों से भरे रहने वाले गंगा घाट पर आज लोगों की हलचल नहीं बल्कि चिड़ियों की चहचहाहट सुनने को मिल रही है. जिसके बाद से गंगा की बहती निर्मल धारा अब साफ-सुथरी और नीले रंग की देखने को मिल रही है.

लॉकडाउन होने की वजह से गंगा में गिरने वाले फैक्ट्रियों से निकलने वाला वेस्टेज और केमिकल, जो गंगा को प्रदूषित करता था, वो पूरी तरह बंद है. लोग घाटों पर नहीं नही रहे हैं. इसलिए गंगा की स्थिति में इतना सुधार देखा जा रहा है. गंगा के साफ होने से वाराणसी के स्थानीय लोग काफी खुश नजर आ रहे हैं.

लॉकडाउन के दौरान गंगा-यमुना में बॉयोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड यानी बीओडी का लेवल घटकर 2.1 पर पहुंच चुका है. बीओडी लेवल घटने से गंगा-यमुना का जल अब पूरी तरह से नीला नज़र आ रहा है. हवा में पीएम-10 का लेवल यानी AQI भी पिछले कुछ सालों के सबसे अच्छे स्तर पर पहुंच गया है.

जानकारों का दावा है कि गंगा के प्रदूषण में भी कमी आई है और गंगाजल में 40 से 50 फीसदी सुधार हुआ है.

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश

प्रयागराज में भी गंगा का पानी एक दम साफ दिखने लगा है. संगम तट पर रहने वाले तीर्थ पुरोहितों का मानना है कि पहले के मुकाबले जल की गुणवत्ता औऱ शुद्धता में काफी परिवर्तन हुआ है. पहले जो जल आचमन के लायक नहीं था उसकी मुख्य वज़ह थी कानपुर और आगरा की फैक्ट्रियां जिनका कूड़ा और कचरा सीधे गंगा में छोड़ा जा रहा था. लॉकडाउन के बाद फैक्ट्रियां बंद होने की वजह से गंदगी नहीं आ रही है और जल क़ी शुद्धता में सुधार हुआ है.

कानपुर, उत्तर प्रदेश

कानपुर में भी कुछ ऐसा ही नज़ारा है. यहां बहने वाली गंगा नदी का पानी इतना साफ है कि लोगों को यकीन ही नहीं हो रहा. लॉक डाउन के चलते कानपुर में गंगा तटों पर पक्षियों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. जो पहले सूना रहता था.

वहीं कानपुर में बड़े-बड़े कारेखाने और फैक्ट्रियों हैं जहां सले निकलने वाला हजारों लीटर केमिकल गंगा को दूषित कर रहा था लेकिन लॉकडाउन के बाद गंगा के प्रदूषण में भारी कमी आई है. शहर की आबोहवा बिल्कुल बदली हुई है जहां साफ गंगाजल देख लोग खुश हैं वहीं वायु प्रदूषण में भी कमी आई है.

जुहू चौपाटी, मुंबई

नदी ही नहीं लॉकडाउन का असर समंदरों के पानी पर भी दिख रहा है. तस्वीरें मुंबई के जुहू चौपाटी की है. पहले लहर के साथ समंदर में फेंके गए कचरे वापस तट पर लौट जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है.

जालंधर, पंजाब

ऐसी ही सुंदर नज़ारा पंजाब के जालंधर से भी दिखाई देने लगा है. जहां आसमान से ही हिमालय की चोटियां नज़र आने लगी. लॉकडाउन के दौरान वाहन सड़कों पर नहीं  हैं, फैक्ट्रियां बंद हैं और इसका सीधा असर प्रदूषण पर भी पड़ा है. आसमान ऐसा साफ हुआ कि जालंधर से बर्फीली पहाड़ियां दिखाई देने लगीं.

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