क्या Corona पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन विकल्प नहीं है?

कोरोना वायरस की खतरनाक वापसी देशभर के लिए मुसीबत की वजह बनी हुई है. इस बीच ज़ी हिन्दुस्तान ने AIIMS वैक्सीनेशन ट्रायल इंचार्ज और कम्युनिकेबल डिजीज इनफर्टिलिटी डॉक्टर संजय कुमार राय से खास बातचीत की. उनका कहना है कि स्थिति भयानक होनी अभी बाकी है.

Written by - Harsha Chandwani | Last Updated : Apr 5, 2021, 04:31 PM IST
  • 'कोरोना की स्थिति भयानक होनी बाकी'
  • डॉक्टर संजय कुमार राय का बड़ा बयान
क्या Corona पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन विकल्प नहीं है?

नई दिल्ली: देश में कोरोना के आंकड़ों ने एक बार फिर रिकॉर्ड तोड़ दिया है. पहली बार 24 घंटे में 1 लाख से अधिक कोरोना सक्रमण के नये मामले दर्ज किए गए हैं. एक दिन में 478 लोगों की मौत, 52 हजार से अधिक लोग ठीक हुए. देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1 करोड़ 25 लाख 89 हजार 67 हुए. हर दिन कोरोना की स्थिति भयानक होती जा रही है.

डॉक्टर संजय कुमार राय ने चेताया

एम्स (AIIMS) वैक्सीनेशन ट्रायल इंचार्ज और कम्युनिकेबल डिजीज इनफर्टिलिटी डॉक्टर संजय कुमार राय का बड़ा बयान सामने आया है. उनका स्थिति भयानक होना बाकी है, कोरोना का आंकड़ा दो लाख प्रति दिन तक पहुंच सकता है.

संजय कुमार राय ने बताया कि 'रविवार को हुए कम टेस्ट के बावजूद जब देश में कोरोना का आंकड़ा 103500 से ज्यादा हो गया, जब 8 से 11 राज्यों में लगातार कोरोना के मामले तेज गति से बढ़ रही है तो, वह दिन दूर नहीं है जब देश में 24 घंटे के अंदर 2 लाख कोरोना पॉजिटिव के सामने आएंगे.'

55% मामले अकेले महाराष्ट्र में

डॉक्टर संजय ने कहा कि अभी अच्छी बात यह है कि पिछली लहर की तुलना में इस बार मृत्यु दर काफी हद तक कम है और लोगों की कंडीशन कम क्रिटिकल हो रही है. लेकिन जिस तरह देश के कुल मामलों में 55 फीसदी मामले अकेले महाराष्ट्र से आते हैं, ऐसे में केस क्रिटिकल होने लगे तो हेल्थ सिस्टम चरमरा सकता है.

बता दें, पिछले 24 घंटे में महाराष्ट्र में 57 हजार 74 नए मामले सामने आए हैं. इस दौरान 222 मरीजों की कोरोना से मौत हो गई. मुंबई में 24 घंटे में 11 हजार 206 नए मामले हैं. महाराष्ट्र में कोरोना के नियम और सख्त कर दिए गए हैं. पूरे महाराष्ट्र में नाइट कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन लगा. मॉल, थिएटर, होटल, रेस्टोरेंट, बार पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं. आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों को ही रात में निकलने की इजाजत है.

लॉकडाउन विकल्प नहीं!

डॉक्टर संजय कुमार राय ने बताया कि जब महामारी एक बड़ी आबादी में फैल चुकी है, तो लॉकडाउन लगाने से संक्रमण नहीं रुकेगा. लॉकडाउन सिर्फ तब लगाया जाता है. जब हमें हेल्थ सिस्टम और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देनी है, लेकिन जब 1 साल महामारी को हो चुका है तब भी हमें लॉकडाउन लगाना पड़ रहा है. इसका मतलब यह है कि हमारी तैयारियां बीते 1 साल में पुख्ता नहीं रही है.

लॉकडाउन लगाने से कई नुकसान भी होते हैं, क्योंकि एचआईवी, टीबी, कैंसर जैसे मरीजों का ठीक से इलाज नहीं हो पाता. व्यापार का अलग नुकसान होता है, पलायन के हालात बनते हैं. यूरोपियन देश स्वीडन में एक दिनभर लॉकडाउन नहीं लगाया. स्कूल बंद नहीं हुए, फिर भी उसके हालात इटली, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन से बेहतर रही.

डॉक्टर ने बताया कि 'यह महामारी तकरीबन 1 साल पुरानी है, इसलिए हम अभी नहीं कह सकते कि एंटीबॉडी कब खत्म होगी और क्या हर 6 महीने के बाद टीकाकरण की जरूरत है. इसी डाटा को जानने के लिए हम 6 महीने बाद वैक्सीन के ट्रायल पर जा रहे हैं, लेकिन जिस तरह से दक्षिण अफ्रीका का संक्रमण नजर आ रहा है ऐसा लगता है कि अगर वह म्यूटेशन तेजी से फैला तो नए तरह की या मौजूदा वैक्सीन में कुछ परिवर्तन करके नई वैक्सीन बनानी पड़ेगी.'

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आपको बता दें, महाराष्ट्र में प्रवासी मजदूरों को फिर लॉकडाउन का डर सता रहा है. मुंबई में बढ़ते मामलों के बाद मजदूर अपने घरों को लौटने लगे हैं. स्टेशनों पर भारी भीड़ जमा हुई. वहीं अगर देश की राजधानी की बात करें तो पिछले 24 घंटे में दिल्ली में 4 हजार 33 नए मामले सामने आए हैं. इस दौरान 21 मरीजों की कोरोना से मौत हो गई.

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