नई दिल्ली: उज्जैन को लेकर मान्यता है कि यहां कोई भी मुख्यमंत्री, राजा और राजनेता रात का समय बिता नहीं सकते हैं. इसका कारण बाबा महाकाल हैं. ऐसा कहा जाता है कि उज्जैन के राजा महाकाल हैं. इसलिए मुख्यमंत्री रात के समय इस शहर में नहीं रुकते हैं. मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उज्जैन के इस मिथक को तोड़ दिया है.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तोड़ा मिथक
सामान्य तौर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री इस रिवाज को अपनाते आ रहे थे. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मिथक को तोड़ दिया. सीएम कुर्सी पर बैठने के बाद पहली बार मोहन यादव अपने गृहनगर उज्जैन पहुंचे, वह रात को यहां रूके. उन्होंने कहा कि मैं भगवान महाकाल का बेटा हूं, मैं यहां रुक सकता हूं.
मुख्यमंत्री ने बताई इसके पीछे की कहानी
मुख्यमंत्री ने इस कहानी के पीछे का एक वाकया बताया है. उन्होंने कहा कि सिंधिया महाराज को एक रणनीति की वजह से अपनी राजधानी ग्वालियर ले जाना था और कोई आक्रमण न हो इसलिए यह मिथक गढ़ा था. मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकाल तो पूरे ब्रह्मांड के राजा हैं. अगर उन्हें नुकसान करना होगा तो कहीं भी कर सकते हैं. इसका सीमा से क्या लेना देना है. भगवान महाकाल केवल एक सीमा के राजा थोड़ी न हैं वह पूरे ब्रह्मांड के राजा हैं. भगवान की इच्छा थी तो मुझे सीएम बनाया है.
रात में रुकने को लेकर क्या था मिथक?
ऐसा माना जाता है कि उज्जैन के राजा भगवान महाकालेश्वर यानी बाबा महाकाल हैं. इनसे बड़ा शासक कोई नहीं है. मान्यता रही कि कोई भी राजा उज्जैन में रात नहीं बिता सकता है. इसके पीछे कहा जाता है कि इस शहर में दो राजा नहीं ठहर सकते हैं. अगर भी राजा या मंत्री यहां रात में ठहरता है उसे खामियाजा भुगताना पड़ता है.
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