भोपाल: मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस के तीन विधायकों हरदीप सिंह डंग, बिसाहूलाल सिंह और रघुराज सिंह कंसाना का अब तक पता नहीं लग सका है. इसको लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह लगातार खोज कर रहे परंतु इनका कोई पता नहीं लगा पाए है. कुर्सी बचाने की कोशिश में मुख्यमंत्री कमलनाथ एक एक विधायक को मनाने की तैयारी कर रहे हैं लोकिन कोई मान नहीं रहा है.
पूरे मामले पर अमित शाह की नजर ने कमलनाथ को डराया
गृहमंत्री अमित शाह के साथ शनिवार को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कई दौर की बैठक की. धर्मेंद्र प्रधान भी मध्य प्रदेश से ही राज्यसभा सदस्य हैं. वहीं दूसरी ओर कमलनाथ, दिग्विजय सिंह समेत राजनीतिक मामलों की समिति ने भोपाल में सीएम आवास पर डैमेज कंट्रोल को लेकर शनिवार रात बैठक की. कांग्रेस ने लापता 4 विधायकों में से निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा को साधने की भरपूर कोशिश की है.
सरकार गिरने के डर में विक्टिम कार्ड खेल रहे कमलनाथ
आपको बता दें कि अपनी सरकार गिरने के डर में कमलनाथ विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं और लोगों की सहानुभूति बंटोरने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया कि भाजपा धन के बल बर सरकार गिराना चाहती है. हालांकि अब तक कमलनाथ यही कहते थे कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है, लेकिन अब इस चिट्ठी के माध्यम से उन्होंने अपनी कुर्सी जाने का दर्द बयां किया है.
कमलनाथ ने रद्द किए सभी कार्यक्रम
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने सभी कार्यक्रम रद्द करके सरकार बचाने की कोशिश में जुट गए हैं. गौरतलब है कि कमलनाथ को छिंदवाड़ा दौरे पर जाना था. फिलहाल उन्होंने यह दौरा रद्द कर दिया है और भोपाल में ही बने रहने का फैसला किया है. उन्होंने अपने दो दिनों के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ सुबह से शाम तक मेल मुलाकातों में जुटे हुए हैं. उन्होंने अपने विश्वस्त मंत्रियों विजयलक्ष्मी साधौ, जीतू पटवारी, पीसी शर्मा, सुखदेव पांसे, तरण भनोट, प्रदीप जायसवाल, हर्ष यादव से मुलाकात करके राज्य की बदलती राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा की.
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जानिये क्यों गिर सकती है कमलनाथ सरकार
मध्य प्रदेश विधानसभा की स्थिति पर गौर करें तो कुल 230 विधायकों की विधानसभा में से इस वक्त 228 विधायक हैं. दो सीट विधायकों की निधन के चलते खाली हैं. कांग्रेस के 114 विधायक, बीजेपी के 107, बीएसपी के दो विधायक, समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं. बहुमत 115 पर है. अगर भाजपा, कांग्रेस के 15 विधायक तोड़ लेती है तो कमलनाथ सरकार गिर जाएगी.
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