कोलकाता: कोलकाता नगर निगम चुनाव में 144 में से 133 सीटें जीतकर अभूतपूर्व जीत दर्ज करने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को लोगों को बधाई देते हुए कहा कि ये शहर ही देश के लोगों को रास्ता दिखाएगा.
TMC ने तोड़ा अपना पिछला रिकॉर्ड
तृणमूल कांग्रेस ने केएमसी चुनाव में 144 में से 133 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. 2015 में, उसने 113 सीटें जीती थीं, जो अब तक हाल के दिनों में सबसे अधिक थी. इस साल हाल ही में हुए चुनाव में उसने विपक्ष को और भी कमजोर करते हुए अपने पिछले रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है. अब सभी 16 नगर तृणमूल कांग्रेस के नियंत्रण में हैं.
भाजपा - जो विधानसभा चुनावों से पहले भी - तृणमूल कांग्रेस के वर्चस्व को चुनौती देने के लिए काफी आक्रामक थी, केवल तीन सीटें हासिल करने में सफल रही. इसके बाद कांग्रेस और वाम मोर्चा को दो-दो सीटें मिलीं. इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों को तीन सीटें मिलीं हैं.
2015 में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने 113 सीटें जीती थीं और तब जीत का सबसे अधिक अंतर देखने को मिला था. उस समय भाजपा के पास 7 सीटें थीं और कांग्रेस और वाम मोर्चा के पास क्रमश: 5 और 15 सीटें थीं.
तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी. इस साल, सत्तारूढ़ दल ने अपनी स्थिति में और सुधार किया है.
जीत पर बोली सीएम ममता- 'ये विकास की जीत'
जीत के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "यह उन लोगों की जीत है जिन्होंने विकास के पक्ष में अपना जनादेश दिया है. यह विकास की जीत है, जो तृणमूल कांग्रेस 2011 में सत्ता में आने के बाद से लगातार कर रही है."
मुख्यमंत्री ने कहा, "लोग पूरे दिल से मतदान करने के लिए निकले. यह लोकतंत्र की जीत है. इससे शहर के साथ-साथ राज्य के लोगों के लिए विनम्रतापूर्वक काम करने में मदद मिलेगी."
व्यापक परिप्रेक्ष्य में बोलते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा, "यह जीत राष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि भाजपा, कांग्रेस और वाम मोर्चा जैसे सभी राष्ट्रीय दलों को जनादेश से हराया गया है. हम राज्य के विकास के लिए और अधिक काम करेंगे."
उन्होंने कहा, "कोलकाता का सौंदर्यीकरण किया गया है. अब हम शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए भी काम करेंगे."
पार्टी जल्द तय करेगी नया महापौर
दूसरी बार महापौर बनने की अटकलों को हवा मिलने वाले नतीजों के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने गए निवर्तमान मेयर फिरहाद हकीम ने संवाददाताओं से कहा, "हमें लोगों के जनादेश को स्वीकार करना चाहिए. हमने 34 साल तक विपक्षी राजनीति भी की, लेकिन हमने लोगों से कभी सवाल नहीं किया. उन्होंने हमें हराया तो हमने इसे पूरे दिल से स्वीकार किया."
पुनर्मतदान की मांग के लिए भाजपा पर निशाना साधते हुए, हकीम ने कहा, "लोगों के जनादेश को स्वीकार करने का नैतिक साहस होना चाहिए. भाजपा उन आम लोगों का अपमान कर रही है, जो मतदाता के तौर पर अपने घरों से मतदान केंद्रों तक अपना वोट देने के लिए गए थे. भाजपा उनका अपमान कर रही है. उन्होंने जवाब दे दिया है."
यह पूछे जाने पर कि क्या फिरहाद हाकिम अगले महापौर होंगे, तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "यह पार्टी द्वारा तय किया जाएगा. परिणाम आने के बाद नेतृत्व शहर के भविष्य के मेयर का फैसला करेगा."
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