कश्मीर लिख रहा अब नई कहानी, सियासी ठेकेदारों को हो रही परेशानी

2 साल पहले आज ही के दिन जम्मू कश्मीर को काले प्रावधानों से मुक्त किया गया था. 370 और 35ए की बेड़ियों से आजाद किया गया था. 2 साल बाद वही जम्मू कश्मीर नई कहानी लिख रहा है, तो उसका जश्न पूरा हिंदुस्तान मना रहा है. लेकिन सियासी ठेकेदारों का दर्द अब तक कम नहीं हुआ है. इसकी वजह हर किसी को मालूम है कि इनकी दुकानदारी बंद हो गई है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 5, 2021, 09:39 PM IST
  • 370 मुक्त कश्मीर की बदलती तकदीर
  • बदलाव के 2 साल, 70 साल में बेमिसाल
कश्मीर लिख रहा अब नई कहानी, सियासी ठेकेदारों को हो रही परेशानी

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर को 370 की बेड़ियों से आजादी दिलाकर कश्मीरियों की ख्वाहिशों का पुल बांधा गया, कश्मीर के बच्चों के स्वर्णिम भविष्य संवारा गया. कश्मीर की बेटियों के अधिकारों को संजोया गया. अब कश्मीर नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है, तो उसका जश्न पूरा हिंदुस्तान मना रहा है. तो कुछ सियासी ठेकेदारों के पेट में दर्द हो रहा है.

कश्मीरियों की खुशी, बनी आंखों की किरकिरी

कदम कदम बढ़ाता हिंदुस्तान मजबूत और समृद्ध हो रहा है. नये भारत में कश्मीर अपनी नई कहानी लिख रहा है. सात दशक की पाकिस्तान परस्त पर्दानशीं सियासत दम तोड़ चुकी है और अब कश्मीर की तकदीर हर कश्मीरी अपने हाथों लिख रहा है. 370 से मुक्ति के बाद कितनी खुश है, लेकिन कश्मीरियों की ये खुशी कुछ लोगों की आंख की किरकिरी बनी हुई है.

श्रीनगर से लेकर दिल्ली तक एक-दो लोगों ने रुदाली मचाई हुई है. पता है क्यों ये रुदाली मची है? इसका जवाब ये है कि पुश्तों से चले आ रही पाकिस्तान परस्त सियासत का खानदानी धंधा अब बंद हो चुका है. एक-एक शख्स के बारे में जानना चाहिए. जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी चाहती हैं कि 370 वापस हो.

विपक्ष के दिल में हो रहा है भयानक दर्द

महबूबा की इस मांग के साथ कितने कश्मीरी इत्तेफाक रखते हैं? 5 अगस्त को काला दिवस कहती हैं, लेकिन महबूबा की इस आवाज के साथ एक दर्जन कश्मीरी भी खड़ा नहीं है. आधे घंटे तक महबूबा चौक पर खड़ी रही तब जाकर पांच-छह महिलाओं को जमा किया जा सका था.

पी चिदंबरम ने कहा कि 370 हटाना असंवैधानिक तख्तापलट था. तो वहीं उमर अब्दुल्ला ने बोला कि सुप्रीम कोर्ट से न्याय जरूर मिलेगा. महबूबा मुफ्ती ने पैदल मार्च की कोशिश की. महबूबा मुफ्ती ने बोला कि बदलाव की बात दिखावा है, तो उनके सुर से सुर मिलाते हुए सैफुद्दीन सोज ने बोला कि 370 के बाद बदलाव की बात प्रोपगेंडा है.

महबूबा किसकी आवाज हैं? आम कश्मीरियों की या अपने परिवार की, जिनके खानदानी धंधे पर अब कश्मीरियों का हक भारी पड़ रहा है. कितना बड़ा झूठ है कि ये और कश्मीरियों की आवाज हैं. तमाम चुनावी नतीजों में कश्मीरियों ने पीडीपी का क्या हाल किया है, वो सभी ने देखा.

370 के आतंक से मुक्ति का उत्सव दिवस

कश्मीर के काले दिनों में जिन गलियों में कभी आतंकियों की दौड़ हुआ करती थी. 5 अगस्त को देश में  370 के आतंक से मुक्ति का उत्सव दिवस था. आज जम्मू कश्मीर में 35ए की बेड़ियों से आजादी का दिन था. इस मौके पर जहां महबूबा जैसी नेताओं ने राजनीति की तो वहीं कईयों ने जश्न मनाया.

J&K से अनुच्छेद 370 के खात्मे के 2 साल पूरे हुए. जम्मू-कश्मीर में कई कार्यक्रम, तिरंगे लहराये गये. पीएम मोदी ने कहा कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना सशक्त है. वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज के दिन कलंक को मिटाया गया था. जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बोला कि J&K में खून-खराबे का दौर थम रहा है.

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