पवार की पार्टी को मिला नया नाम,'NCP शरत चंद्र पवार', चुनाव आयोग ने दी मंजूरी

शरद पवार गुट की तरफ से तीन नाम सुझाए गए थे. वहीं चुनाव चिन्ह के रूप में भी तीन विकल्प जमा कराए गए थे. इनमें चाय का कप, उगता हुआ सूरज, सूर्यमुखी का फूल था. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 7, 2024, 08:59 PM IST
  • शरद पवार गुट को मिले तीन नाम.
  • चुनाव आयोग में जमा कराए थे तीन नाम.
पवार की पार्टी को मिला नया नाम,'NCP शरत चंद्र पवार', चुनाव आयोग ने दी मंजूरी

नई दिल्ली. महाराष्ट्र और देश की राजनीति में दिग्गज नेता शरद पवार के एनसीपी गुट को नया नाम मिल गया है. बुधवार को शरद पवार गुट की तरफ से नई पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह सौंपा गया था. इसे केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा स्वीकार कर लिया गया है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शरद पवार गुट की तरफ से तीन नाम सुझाए गए थे. वहीं चुनाव चिन्ह के रूप में भी तीन विकल्प जमा कराए गए थे. इनमें चाय का कप, उगता हुआ सूरज, सूर्यमुखी का फूल था. वहीं शरद पवार गुट ने कहा कि वह प्रतिद्वंद्वी अजित पवार गुट को ‘असली’ पार्टी के रूप में मान्यता देने के निर्वाचन आयोग के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा. 

अजित पवार गुट ने दायर की कैविएट
वहीं अजित पवार गुट ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर की, जिसमें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली पार्टी को मान्यता देने वाले चुनाव आयोग (ईसी) के फैसले को चुनौती देने के लिए शरद पवार गुट द्वारा संभावित कदम की आशंका जताई गई है. आयोग ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले गुट को 'असली' राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) करार दिया है और पार्टी का चुनाव चिह्न 'घड़ी' इसी गुट को आवंटित किया है.

क्या बोले जयंत पाटिल
अजित पवार गुट को पार्टी का नाम और 'घड़ी' चुनाव चिह्न सौंपने के चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना करते हुए महाराष्ट्र एनसीपी-एसपी अध्यक्ष जयंत पाटिल ने मंगलवार को कहा-शरद पवार जहां भी जाते हैं, एनसीपी उनके साथ जाती है... चुनाव आयोग का यह फैसला सही नहीं है. शीर्ष अदालत में यह टिक नहीं पाएगा, हमें स्टे मिलने का भरोसा है.

शरद गुट के सुप्रीम कोर्ट पहुंचने से पहले अजित पवार गुट ने वकील अभिकल्प प्रताप सिंह के जरिए से एक कैविएट दायर की है, जिसमें कहा गया है कि शीर्ष अदालत द्वारा कोई भी आदेश पारित किए जाने से पहले उसकी दलील सुनी जानी चाहिए.

बता दें कि पिछले साल एनसीपी जुलाई में बंट गई थी, जब अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल होने के लिए अपने चाचा और एनसीपी संस्थापक शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दिया था. इसके बाद दोनों पक्षों ने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया था.

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