नई दिल्ली: राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) के कर्मियों द्वारा तलाशी के दौरान छात्राओं को अपने अंत:वस्त्र हटाने के लिए कहने के खिलाफ दक्षिणी केरल में विरोध प्रदर्शन मंगलवार को हिंसक हो गया. वहीं राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने कहा कि छात्रा की ओर पुलिस को दी गई शिकायत में उसकी ओर से लगाया गया आरोप ‘फर्जी’ है. वहीं केरल सरकार ने केंद्र के साथ इस मुद्दे को उठाया और एजेंसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जिसने कथित तौर पर छात्राओं को ऐसा करने के लिए मजबूर किया. केरल महिला आयोग ने प्राप्त शिकायतों के आधार पर एक मामला दर्ज किया. राज्य पुलिस पहले ही एक मामला दर्ज कर चुकी है.
शिकायत को लेकर एनटीए ने दिया ये जवाब
केरल के दक्षिणी कोल्लम जिले में एनटीए द्वारा तलाशी लेने के लिए रखी गई एजेंसी ने कथित तौर पर छात्राओं से अपने अंत:वस्त्र हटाने के लिए कहा. 17 वर्षीय एक लड़की ने पुलिस में एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है और कई अन्य छात्राओं ने भी इसी तरह के आरोप लगाए हैं, हालांकि उन्होंने अलग से शिकायत दर्ज नहीं की है.
एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें कोई शिकायत या प्रतिवेदन नहीं मिला है. मीडिया की खबरों में किये गए दावों के आधार पर, केंद्र अधीक्षक और पर्यवेक्षक से तत्काल रिपोर्ट मांगी गई है. उन्होंने सूचित किया है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है और शिकायत फर्जी और गलत इरादे से दायर की गई है.’’
एनटीए अधिकारी ने कहा कि नीट ‘ड्रेस कोड’ ऐसी किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं देता है जिसका आरोप अभ्यर्थी के अभिभावकों द्वारा लगाया गया है. उन्होंने कहा कि ‘ड्रेस कोड’ अभ्यर्थियों की तलाशी के दौरान लिंग, संस्कृति और धर्म के प्रति संवेदनशीलता बनाये रखते हुए परीक्षा की शुचिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने का प्रावधान करता है.
विरोध प्रदर्शन हुआ हिंसक, शिक्षण संस्थान में हुई तोड़-फोड़
केरल की उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिंदू ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखे एक पत्र में छात्राओं की गरिमा और सम्मान पर ‘‘हमले की खबर पर 'निराशा और हैरानी' जतायी.’’ बिंदू ने भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कार्रवाई और मामले में केंद्रीय मंत्री के हस्तक्षेप की मांग की. 18 जुलाई को शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन मंगलवार को तेज हो गया और विरोध मार्च निकालने वाले आंदोलनकारियों के एक वर्ग ने कोल्लम जिले के अयूर में एक निजी शिक्षण संस्थान में तोड़फोड़ की, जहां लड़की को नीट परीक्षा में बैठने से पहले कथित तौर पर अपने अंत:वस्त्र हटाने के लिए कहा गया था.
छात्र कार्यकर्ता पुलिस घेरा तोड़कर कथित तौर पर कॉलेज परिसर में घुस गए और तोड़फोड़ की. पुलिस कार्रवाई में कुछ छात्र कार्यकर्ताओं को चोटें आई हैं. उस लड़की की शिकायत के आधार पर पुलिस ने एक मामला दर्ज किया है जिसने आरोप लगाया कि उसे परीक्षा में बैठने से पहले अपने अंत:वस्त्र हटाने के लिए कहा गया था. पुलिस ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और 509 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
केरल आयोग ने इस मामले पर क्या कहा?
केरल महिला आयोग ने एक बयान में कहा कि प्राप्त दो शिकायतों के आधार पर, उसका मानना है कि प्रथम दृष्टया ये ऐसे कृत्य थे जिनसे महिलाओं का अपमान हुआ. आयोग अध्यक्ष ने परीक्षा आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी को घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी कहा. आयोग की अध्यक्ष पी. सतीदेवी ने कहा कि परीक्षा के लिए 'कपड़े उतारना' जैसे असभ्य तरीके, जिसमें ज्यादातर किशोर बैठे थे, स्वाभाविक रूप से छात्रों के दिमाग को प्रभावित करेंगे और वे परीक्षा पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे.
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