हाथरसः उत्तर प्रदेश का हाथरस मामला शनिवार को नए मोड़ पर आ गया. शुक्रवार शाम को योगी सरकार ने मामले में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था और वादी-प्रतिवादी दोनों ही पक्षों के नार्को टेस्ट किए जाने के आदेश दिए थे.
इसके बाद से ही पीड़ित परिवार नार्को टेस्ट (Narco Test) से इनकार कर रहा है. पीड़ित परिवार ने अपना नार्को टेस्ट (Narco Test) कराने से इनकार कर दिया है. परिवार का कहना है कि उन्हें टेस्ट नहीं केवल इंसाफ चाहिए.
पीड़िता की मां ने किया मना
पीड़िता मां ने मीडिया से कहा कि अफसरों ने बेटी का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया. मरने के बाद से डीएम लगातार उनके परिवार का बयान बदलवाने की कोशिश में लगे हैं. उन्होंने कहा कि हमें अपना नार्को टेस्ट नहीं करवाना. नार्को टेस्ट (Narco Test) उन आरोपियों का होना चाहिए, जिन्होंने उनकी बेटी के साथ गलत किया.
डीएम-एसपी का कराएं Narco Test : पीड़िता की भाभी
इस मामले में पीड़िता की भाभी ने कहा कि नार्को टेस्ट क्या होता है ये ही पता नहीं है. उनसे इस बाबत पूछा गया था तो उन्होंने यह जवाब दिया. इसके बाद जब उन्हों नार्को टेस्ट के बारे में बताया गया तो उन्होंने कहा कि हमारे लिए इस टेस्ट की क्या जरूरत है.
पीड़िता की भाभी ने कहा, हम सच बोल रहे हैं, हम सच ही बोलेंगे. झूठ नहीं बोलेंगे. नार्को टेस्ट कराना है तो डीएम साहब का कराएं, एसपी का कराएं. इन लोगों का टेस्ट कराएं, इन लोगों ने झूठ पर झूठ बोला है.
योगी सरकार ने की है कार्रवाई
हाथरस केस में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. SIT की पहली जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने कार्रवाई करते हुए एसपी विक्रांत वीर सहित 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही पीड़ित परिवार, आरोपियों और पुलिसवालों के नार्को टेस्ट की बात कही गई है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी है. योगी ने कहा है कि दोषियों को जो दंड मिलेगा, वो भविष्य में उदाहरण बनेगा.
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