NIRF Ranking 2024: कॉलेज को कैसे मिलती है रैंकिंग, किस आधार पर चुनी जाती है देश की बेस्ट यूनिवर्सिटी?

NIRF Ranking 2024: देश के टॉप कॉलेजों की रैंकिंग आज शाम 3 बजे जारी होगी. शिक्षा मंत्री द्वारा ये रैंकिंग जारी होती है. किसी भी कॉलेज को रैंक करने के लिए पैरामीटर और सब-पैरामीटर रखे गए हैं. आइए, इनके बारे में जानते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 12, 2024, 11:45 AM IST
  • 12 अगस्त को जारी होगी रैंकिंग
  • शिक्षा मंत्रालय जारी करेगा NIRF रैंकिंग
NIRF Ranking 2024: कॉलेज को कैसे मिलती है रैंकिंग, किस आधार पर चुनी जाती है देश की बेस्ट यूनिवर्सिटी?

नई दिल्ली: NIRF Ranking 2024: आज यानी 12 अगस्त, 2024 को शाम 3 बजे NIRF Ranking 2024 जारी की जाएगी. इसमें देश के टॉप कॉलेजों की रैंकिंग जारी होती है. ये बताया जाता है कि अलग-अलग क्षेत्र जैसे मेडिकल या इंजीनियरिंग में कौनसा कॉलेज बेस्ट है, उसकी रैंक क्या है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि NIRF Ranking में कॉलजों को रैंक करने के क्या पैरामीटर हैं? आइए, इसके बारे में जानते हैं

NIRF रैंकिंग क्या है? (What is NIRF Raniking)
NIRF का मतलब होता है- नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क. ये रैंकिंग हर साल जारी होती है, इसे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय जारी करता है. इस रैंकिंग में बताया जाता है कि भारत की शीर्ष यूनिवर्सिटीज कौनसी हैं? इसमें अलग-अलग कैटेगरी और विषयों के कॉलेजों की रैंकिंग जारी की जाती है. जैसे NIRF Ranking की शुरुआत साल 2015 में हुई थी. 

NIRF लिस्ट में कितने किस कैटेगरी के कितने कॉलेजों की रैंकिंग जारी होती है?
200 इंजीनियरिंग कॉलेज
75 मैनेजमेंट और फार्मेसी कॉलेज
50 मेडिकल और रिसर्च कॉलेज
40 डेंटल कोलेज, 30 लॉ कॉलेज
25 आर्किटेक्चर कॉलेज
100 ओवरऑल, यूनिवर्सिटी और कॉलेज

ये हैं NIRF रैंकिंग देने के पैरामीटर 
1. टीचिंग, लर्निंग और रिसोर्स (TLR): 4 सब-पैरामीटर 

- कुल छात्रों की संख्या. 
- टीचर्स और स्टूडेंट्स की संख्या का रेशियो.
- पीएचडी डिग्री वाले और अनुभव रखने वाले टीचर्स. 
- आर्थिक संसाधन कितने, इनका इस्तेमाल कैसे हो रहा.

2. रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस (RP)- 4 सब-पैरामीटर
- कॉलेज के कितने जर्नल या रिसर्च पेपर पब्लिश हुए.
- प्रकाशित हुए रिसर्च पेपर्स की वर्क कंटेंट क्वालिटी कैसी है.
- कॉलेज के नाम कितने IPR और पेटेंट हुए हैं.
- कॉलेज के प्रोफेशनल प्रैक्टिस और प्रोजेक्ट्स के फुटप्रिंट्स देखे जाते हैं.

3. ग्रेजुएशन आउटकम (GO)- 2 सब-पैरामीटर्स
- कॉलेज या यूनिवर्सिटी एग्जाम. 
- संस्थान से पास कितने पीएचडी स्टूडेंट्स हैं. 

4. आउटरीच और इन्क्लूसिविटी (OI)- 5 सब-पैरामीटर
- दूसरे राज्यों या देशों के छात्रों की संख्या
- कॉलेज या यूनिवर्सिटी में महिलाओं या छात्राओं की संख्या कितनी.
- सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़े विद्यार्थियों की कितनी संख्या. 
- दिव्यांग छात्रों के लिए कॉलेज में क्या फैसिलिटीज. 
- स्टूडेंट्स की संस्थान के बारे में राय.

5. पीयर परसेप्शन
- टीचर्स और कर्मचारियों की संस्थान को लेकर राय.

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