देशभर में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की तैयारी, नीतीश कुमार को ऐतराज

उत्तर प्रदेश के बाद जनसंख्या नियंत्रण के लिए जल्द ही केंद्रीय कानून बनाने की तैयारी है. ऐसी बात सामने आ रही हगै कि मानसून सत्र में राज्यसभा में बिल पर चर्चा होगी. नीतीश ने कानून पर ऐतराज जताया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 12, 2021, 07:56 PM IST
  • जनसंख्या नियंत्रण कानून के विरोध में नीतीश कुमार
  • 'जनसंख्या नियंत्रण के लिए महिलाओं की शिक्षा जरूरी'
देशभर में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की तैयारी, नीतीश कुमार को ऐतराज

नई दिल्ली: जनसंख्या नियंत्रण पर केंद्र सरकार राष्ट्रीय कानून बना सकती है. बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा और अनिल अग्रवाल के प्राइवेट मेंबर बिल पर संसद के मॉनसून सत्र में चर्चा हो सकती है. इस बीच बिहार के CM नीतीश कुमार ने कहा वो जनसंख्या पर कानून के पक्ष में नहीं हैं.

नीतीश कुमार को कानून से ऐतराज

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का विरोध किया है और कहा है कि अगर घर की महिलाएं पढ़ी-लिखी होंगी तो जनसंख्या पर नियंत्रण खुद ही हो जाएगा. नीतीश ने कहा कि कानून बनाकर बढ़ती जनसंख्या को रोकना संभव नहीं है.

मीडिया से बातचीत में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 'एक बात हम आपको बहुत साफ-साफ कहें, जो राज्य जो करना चाहे अपना करे. लेकिन हमारा बहुत साफ-साफ ओपिनियन है. जनसंख्या नियंत्रण के लिए अगर आप सिर्फ कानून बनाकर उसका उपाय करेंगे, ये सभी संभव नहीं है. आप जरा चाइना का पता कर लीजिए. एक से दो किया अब दो के बाद भी क्या हो रहा है. आप किसी भी देश और कहीं की भी स्थिति और हाल-चाल देख लीजिए. ये सबसे बड़ी चीज है कि जब महिलाएं पूरे तौर पर पढ़ी रहेंगी, तो इतनी जागृति आती है कि अपने आप प्रजनन दर घटेगा.'

सीएम नीतीश का बयान क्यों है अहम?

नीतीश का बयान अहम है, क्योंकि जनसंख्या बिल पर सरकार को राज्यसभा में कई दलों से समर्थन की जरूरत होगी. इस बीच विश्व हिंदू परिषद ने यूपी सरकार से जनसंख्या बिल ड्राफ्ट में 1 बच्चे वाला नियम बदलने की मांग की है.

राज्यसभा में पूर्ण बहुमत नहीं होने के कारण विपक्षी दलों से भी समर्थन जुटाने की कोशिश हो रही है. भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी, हरनाथ सिंह यादव और अनिल अग्रवाल ने राज्यसभा में बिल पेश किया है. बताया जा रहा है कि जल्द ही शुरू होने वाले मानसून सत्र में इस बिल पर चर्चा होगी. जानकारी ऐसी सामने आ रही है कि इसके लिए 6 अगस्त की तारीख तय की गई है और इस पर वोटिंग भी कराई जा सकती है.

विशेषज्ञों का कहना है कि चाहे कानून मंत्रालय या गृह मंत्रालय कोई बिल लाए या प्राइवेट मेंबर बिल इसमें कोई अंतर नहीं आता है. इस बिल में एक बच्चा नीति को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रावधान किए जाने की सिफारिश की गई है. मॉनसून सत्र इसलिए अहम है, क्योंकि ये देखना होगा कि नीतीश कुमार इस कानून के लिए अपनी मुहर लगाते हैं या नहीं.

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