Delhi: एक साल के लंबे इंतजार के बाद खुलेगा मरकज, हाईकोर्ट का आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए निजामुद्दीन मरकज को खोलने का आदेश दे दिया है. एक साल के लंबे इंतजार के बाद मरकज खुलेगा, लेकिन सिर्फ पहली मंजिल पर ही एक बार में 50 लोग जा सकेंगे.

Written by - Sumit Kumar | Last Updated : Apr 15, 2021, 05:35 PM IST
  • निजामुद्दीन मरकज में नमाज पढ़ने की छूट
  • एक बार में 50 लोग के जाने का आदेश
Delhi: एक साल के लंबे इंतजार के बाद खुलेगा मरकज, हाईकोर्ट का आदेश

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने एक साल के लंबे इंतजार के बाद निजामुद्दीन के मरकज को खोलने की इजाजत दे दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मरकज में एक बार में 50 लोग ही नमाज अदा कर सकेंगे. कोर्ट ने कहा कि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ डीडीएमए (DDMA) की गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन किया जाए.

दिल्ली वक्फ बोर्ड की मांग को ठुकराया

हाईकोर्ट (High Court) ने कहा कि 10 अप्रैल के डीडीएमए गाइडलाइन में धार्मिक स्थलों के बंद करने की बात नहीं है ऐसे में मरकज को बंद रखने का कोई आधार नहीं है, हालांकि हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की उस मांग को ठुकरा दिया है, जिसमें बाकी 3 मंजिलों में भी 50-50 लोगों के प्रवेश की इजाजत मांगी गई थी.

आपको बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 अप्रैल को कहा था कि निजामुद्दीन मरकज को अभी आम लोगों के लिए नहीं खोला जाएगा. कोर्ट ने कहा था कि मरकज से ही जुड़े 5 लोग दिन में नमाज अदा करने जा सकते हैं.

क्या ये नियम सिर्फ मुसलमानों के लिए है?

मरकज की तरफ से पेश वकील रमेश गुप्ता ने कहा था कि क्या ये नियम सिर्फ मुसलमानों के लिए है? कल ही लाखों लोगों ने हरिद्वार में गंगा स्नान किया है. क्या वहां के लिए केंद्र की कोरोना को रोकने के लिए कोई गाइडलाइन्स नहीं है?

जिसपर केंद्र सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि कोरोना किसी धर्म में फर्क नहीं करता और दिल्ली में 13 हजार तक केस पहुंच रहे है. ऐसे में भीड़ को मरकज़ आने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 10 अप्रैल को दिल्ली में धार्मिक अनुष्ठानों और भीड़ पर रोक के लिए डीडीएमए गाइडलाइन जारी कर चुका है इसलिए मरकज को खोलने की इजाजत नहीं दी जा सकती.

अमानतुल्लाह के बयान को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

दिल्ली हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था. दरअसल, अमानतुल्लाह खान ने एक वीडियो संदेश में कहा था कि हाईकोर्ट ने मरकज को फिर से खोल दिया है. हाईकोर्ट ने मरकज के वकील से कहा था कि आप के विधायक अमानतुल्लाह खान ने सोशल मीडिया पर कहा था कि कोर्ट ने मरकज को खोल दिया है, जबकि हमने कोई ऐसा आदेश किया ही नहीं था.

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कोर्ट ने कहा था कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि निजामुद्दीन मरकज को खोलने के कोर्ट द्वारा कोई आदेश न होने के बाद भी आप के विधायक अमानतुल्लाह खान ने गलत जानकारी जनता में वीडियो बनाकर शेयर किया.

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