जानिए किस आधार पर किया गया ले.जन.नरवाणे का सेना प्रमुख के तौर पर चयन

परम विशिष्ट सेवा मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित जनरल नरवणे होंगे भारत के अगले सेना प्रमुख..  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 17, 2019, 04:48 PM IST
    • परम विशिष्ट सेवा मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित
    • लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे का चयन वरिष्ठता के आधार पर
    • वर्तमान में भारतीय सेना के उप-प्रमुख हैं
    • पीस कीपिंग फोर्स का हिस्सा रहे हैं नरवणे
जानिए किस आधार पर किया गया ले.जन.नरवाणे का सेना प्रमुख के तौर पर चयन

नई दिल्ली. वर्तमान सेनाध्यक्ष विपिन रावत सेवा निवृत्त होने वाले हैं. इस साल का अंतिम दिन उनके कार्यभार का अंतिम दिन होगा. जनरल रावत के 31 दिसम्बर 2019 के रिटायरमेंट से पहले उनके स्थान पर आने वाले नए सेना प्रमुख के नाम की घोषणा हो चुकी है. भारतीय सेना के नए आर्मी चीफ हैं लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे.

कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे 

दिल्ली में जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे सेना प्रमुख बिपिन रावत के बाद सेना में सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं.  लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरवणे वर्तमान में सेना के उप प्रमुख हैं और वे भारतीय सेना में अप्रैल 2022 तक अपनी सेवाएं देंगे.

वरिष्ठता के आधार पर चयन 

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को वरिष्ठता के आधार पर भारत का आगामी आर्मी चीफ चुना गया है. लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे इस समय भारतीय सेना के  वरिष्ठतम अधिकारियों की सूची में दुसरे पायदान पर हैं. 

चयन पर प्रसन्नता व्यक्त की 

सेना प्रमुख के तौर पर अपने चयन के समाचार पर प्रतिक्रित्य देते हुए जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि 'मुझे इस फैसले का काफी अरसे से इंतजार था. मैं काफी खुश हूं. मेरे लिए ये अभिमान का विषय है कि ये जिम्मेदारी मुझे दी गई है. मेरी पूरा प्रयास रहेगा कि अपनी जिम्मेदारियों को मैं अच्छी तरह निभा सकूँ. '

वर्तमान में भारतीय सेना के उप-प्रमुख हैं 

लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरवणे ने तीन माह पूर्व सितंबर में भारतीय सेना के उप-प्रमुख के रूप में कायभार सम्हाला था. इसके पूर्व वे सेना के उत्तरी कमांड के प्रमुख थे. चार दशकों से सेना में सेवा दे रहे लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे ने कई चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभाई हैं. कश्मीर से लेकर नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में भी अपनी नियुक्ति के दौरान उन्होंने आतंकी गतिविधियों को रोकने में बड़ी भूमिका निभाई है. 

पीस कीपिंग फोर्स का हिस्सा रहे हैं नरवणे 

 1987 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल इलम के खिलाफ भारतीय सेना के अहम अभियान ऑपरेशन पवन के लिए लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे भारतीय पीस कीपिंग फोर्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे.  इस अभियान की सफलता के लिए सर्वोच्च श्रेय नरवणे को दिया गया था. 

विभिन्न सेना मेडल्स से सम्मानित हुए 

लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे भारतीय सेना में उत्कृष्ट कार्यों के दो सर्वोच्च मेडल्स से सम्मानित हो चुके हैं. उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल प्रदान किया गया है. लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे नागालैंड में असम राइफल्स के इंस्पेक्टर जनरल पद पर भी कार्य कर चुके हैं. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन और पूर्वी मोर्चे पर इन्फेंट्री ब्रिगेड की कमान भी सम्हाली है.

एनडीए के प्रोडक्ट हैं नरवणे 

लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पास आउट हैं. उन्होंने वर्ष 1980 सेना में प्रवेश किया और सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट की 7 वीं बटालियन में शामिल हो कर अपनी शुरुआत की. उनको देश में सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में कार्य करने के लिए जाना जाता है.

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