नई दिल्ली. भारतीय विदेश मंत्रालय ने पैगंबर पर नुपुर शर्मा द्वारा किए गए आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गनाइजेशन ऑफ द इस्लामिक कोऑपरेशन द्वारा दी गई टिप्णियों को गैर जरूरी और छोटी सोच का बताया है.
क्या कहा विदेश मंत्रालय ने
Our response to media queries regarding recent statement by General Secretariat of the OIC:https://t.co/961dqr76qf pic.twitter.com/qrbKgtoWnC
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) June 6, 2022
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर भारत सरकार के बयान को शेयर करते हुए कहा कि, भारत प्रत्येक धर्म का सम्मान करता है. एक धार्मिक व्यक्तित्व के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट और टिप्पणियां कुछ लोगों ने की है. यह किसी भी रूप में भारत सरकार का नज़रिया नहीं है. संबंधित संस्थाओं ने अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है."
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मामले पर कार्रवाई के बाद भी इस्लामिक देशों के संगठन ने, भ्रामक, प्रेरित और गलत टिप्पणी की है. यह साफ बताता है कि इसके माध्यम से कुछ निहित स्वार्थों के इशारे पर एक विभाजनकारी एजेंडा चलाया जा रहा है. भारत आग्रह करता है कि OIC सचिवालय सांप्रदायिक सोच पर विराम लगाते हुए सभी धर्मों के प्रति सम्मान दर्शाए.
पाकिस्तान को भी दिया जवाब
Our response to media queries regarding tweet by the Pakistani Prime Minister and statement by its Ministry of Foreign Affairs:https://t.co/bTcrX0WH4X pic.twitter.com/IfR4YdFnsO
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) June 6, 2022
भारत ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो नेताओं की कथित विवादित टिप्पणियों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्रालय के बयानों को सोमवार को खारिज कर दिया. भारत सरकार ने कहा कि हम सभी धर्मों के प्रति सम्मान का भाव रखते हैं और पड़ोसी देश को अपने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा व कुशलता पर ध्यान देना चाहिए.
इस संबंध में मीडिया के सवालों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों का लगातार उल्लंघन करने वाले एक देश का किसी दूसरे देश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर टिप्पणी करना किसी के गले नहीं उतर रहा है. उन्होंने कहा कि दुनिया पाकिस्तान में हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों, अहमदिया सहित अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के सुनियोजित उत्पीड़न की गवाह रही है. बागची ने कहा कि भारत सरकार सभी धर्मों के प्रति सर्वोच्च सम्मान का भाव रखती है, जबकि पाकिस्तान में कट्टरपंथियों की सराहना की जाती है और उनके सम्मान में स्मारक बनाए जाते हैं.
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