नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्य सभा में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और असम राइफल्स के जवानों के बारे में एक बड़ी और चौंकाने वाली जानकारी दी है. सरकार ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया है कि पिछले पांच साल में सीएपीएफ और असम राइफल्स के 40,096 जवानों ने पिछले पांच वर्षो में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी है जबकि इसी अवधि में 6,529 अन्य जवानों ने इस्तीफा दिया है.
आधे से अधिक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआर) अकेले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कर्मियों द्वारा मांगी गयी है, जबकि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों द्वारा इस्तीफे के सर्वाधिक मामलों को देखा गया है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पिछले पांच वर्षों के दौरान सीएपीएफ और असम राइफल्स के कर्मियों द्वारा मांगे गए इस्तीफे और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में वर्ष 2016 से वर्ष 2020 तक के आंकड़े प्रस्तुत किए.
बीएसएफ के जवानों ने लिया सबसे अधिक वॉलेंटियरी रिटायरमेंट
गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सात सुरक्षा बलों सीमा सुरक्षा बल(बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल(सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल(सीआईएसएफ), इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस(आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल(एसएसबी) और असम रायफल्स(एआर) को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कहा जाता है. गृह मंत्रालय द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक बीएसएफ के सबसे ज्यादा 20,249, सीआरपीएफ के 11,029, सीआईएसएफ के 2,885, असम रायफल्स के 2,279, आईटीबीपी के 1,912 और एसएसबी के 1,769 के जवानों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी है.
इस्तीफा देने के मामले में आईएसएफ के जवान सबसे आगे
वहीं इस्तीफा देने के मामले में सीआईएसएफ के जवान सबसे आगे हैं. पांच साल में सीआईएसएफ के 2,919 जवानों ने इस्तीफा दिया है. इसके अलावा बीएसएफ के 1708, सीआरपीएफ के 796, आईटीबीपी के 620, एसएसबी के 412 और असम रायफल्स के 74 जवानों ने पिछले पांच साल में इस्तीफा दिया है.
सरकार से यह भी पूछा गया था कि क्या जवानों द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति और इस्तीफा देने की वजह जानने के लिए क्या किसी तरह का अध्ययन किया गया है, तो इसके जवाब में गृह राज्य मंत्री ने कहा कि कारण जानने के लिए कोई विशिष्ट अध्ययन नहीं किया गया है.
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