पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों की PM से अपील, हेल्थवर्कर्स की सुरक्षा के लिए बने कानून

कोलकाता की वारदात के बाद देशभर में व्यापक स्तर पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रख्यात डॉक्टरों ने मौजूदा कानूनों को सख्ती से लागू करने तथा अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा उपाय बढ़ाने की भी अपील की है

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 18, 2024, 11:46 PM IST
  • प्रख्यात डॉक्टरों ने की अपील.
  • पीएम मोदी से नए कानून की मांग.
पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों की PM से अपील, हेल्थवर्कर्स की सुरक्षा के लिए बने कानून

नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए 70 से अधिक पद्म पुरस्कार विजेता चिकित्सकों ने पीएम मोदी से अपील की है. डॉक्टरों ने पत्र लिखकर स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए एक विशेष कानून शीघ्र लागू किए जाने की मांग की है.

बेहतर सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने की मांग
डॉक्टरों ने अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने की भी मांग की. अशोक वैद, हर्ष महाजन, अनूप मिश्रा, ए.के. ग्रोवर, अलका कृपलानी और मोहसिन वली जैसे प्रसिद्ध डॉक्टरों ने इस ‘खतरनाक’ स्थिति से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से ‘तत्काल और व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप’ करने की मांग की और सुझाव दिया कि केंद्र तुरंत एक अध्यादेश लाए ताकि स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा में शामिल लोगों के लिए ‘कठोरतम सजा’ सुनिश्चित की जा सके.

देशभर में विरोध प्रदर्शन
बता दें कि कोलकाता की वारदात के बाद देशभर में व्यापक स्तर पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रख्यात डॉक्टरों ने मौजूदा कानूनों को सख्ती से लागू करने तथा अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा उपाय बढ़ाने की भी अपील की है. लेटर लिखने वालों में ICMR के पूर्व महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव और एम्स, दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया भी शामिल हैं.

पीएम मोदी को लिखे खत में कहा गया है-हम पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टर हाल में कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई भयावह घटना के बारे में गहरी चिंता और पीड़ा के साथ आपको लिख रहे हैं. हमारे देश के प्रमुख के रूप में, हम इस भयावह स्थिति को दूर करने के लिए आपसे तत्काल और व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने की अपील करते हैं. हम पूरी एकजुटता के साथ पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं, जिसका दर्द और क्षति अकल्पनीय है. हम चिकित्सा समुदाय को भी अपना पूरा समर्थन देते हैं, जो अपने काम के दौरान इस तरह की हिंसा का सामना कर रहे हैं. स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ सुरक्षित रखा जाना चाहिए.

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