निर्भया के दरिंदों को सजा-ए-मौत देने आ रहा है 'पवन जल्लाद'

निर्भया का बेरहमी से बलात्कार करके हत्या करने वाले दरिंदों को मौत की सजा देने के लिए पवन जल्लाद दिल्ली आने ही वाला है. इसके लिए तिहाड़ जेल में तैयारियां शुरु हो गई हैं.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 22, 2020, 04:47 PM IST
    • अपने अंजाम तक पहुंचेंगे निर्भया के दोषी
    • जल्द ही दिल्ली आ रहा है पवन जल्लाद
    • पवन जल्लाद की बहुत ज्यादा है डिमांड
    • मेरठ से दिल्ली आएगा पवन जल्लाद
निर्भया के दरिंदों को सजा-ए-मौत देने आ रहा है 'पवन जल्लाद'

नई दिल्ली: निर्भया के दोषियों को सजा देने की तैयारियां शुरु हो गई हैं. निर्भया के चारों दोषियों को फांसी पर लटका दिया जाएगा. इसके लिए 30 जनवरी को पवन जल्लाद तिहाड़ जेल पहुंच जाएगा. 

तिहाड़ में शुरु हुई तैयारी
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि पवन जल्लाद तिहाड़ जेल में बने फ्लैट में ठहराया जाएगा. इसके लिए तिहाड़ जेल के मुख्यालय से कुछ ही दूर स्थित सेमीओपन जेल के एक फ्लैट को खाली करा लिया गया है. इसके लिए यहां रहने वाले तीन कैदियों को दूसरे कमरे में भेज दिया गया है. क्योंकि सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि पवन जल्लाद को यहां टिकाने के लिए एक नया फोल्डिंग बैग, रजाई और गद्दा मंगाया गया है. 
पवन जल्लाद के लिए तिहाड़ की कैंटीन में ही खाना तैयार होगा. 

खास तौर पर की गई थी पवन जल्लाद की डिमांड
निर्भया के दोषियों को फांसी पर चढ़ाने लिए तिहाड़ जेल प्रशासन ने खास तौर पर पवन जल्लाद की मांग की थी. तिहाड़ जेल प्रशासन पवन जल्लाद से ही निर्भया के मुजरिमों को फांसी दिलवाने का इच्छुक था. 

तिहाड़ जेल महानिदेशालय ने यूपी जेल महानिदेशालय को एक गोपनीय पत्र लिखा था. जिसमें कहा गया था कि अगर संभव हो तो पवन जल्लाद को दिल्ली भेजने के बारे में यूपी सरकार और यूपी जेल डिपार्टमेंट विचार कर सकता है. 

ये है पवन जल्लाद की खासियतें
पवन पुश्तैनी जल्लाद है और कई पीढ़ियों से उसने फांसी देने का काम सीखा है. ऐसे में उसके जरिये किसी गलती की गुंजाइश नहीं है.
पवन शरीर से मजबूत हैं. पवन की आंखों की रोशनी भी ठीक है. एक जल्लाद की जितनी आंखों की रोशनी होनी चाहिए उसकी आंखों की रोशनी उतनी ही है. 
इसके अलावा जल्लाद की सुरक्षा, उसे उसके घर से तिहाड़ जेल तक लाने-ले जाने का इंतजाम भी बेहद गोपनीय और जोखिम भरा होगा. पवन यूपी के मेरठ का निवासी है, जो दिल्ली सीमा से लगभग 60 किलोमीटर दूर है. ऐसे में तिहाड़ प्रशासन आसानी से उसे सुरक्षा दे पाएगा. तिहाड़ जेल और मेरठ के बीच के रास्ते की दूरी बेहद कम है.

ऐसे में पवन को लाने-जाने के वक्त भी ज्यादा देर का जोखिम तिहाड़ जेल प्रशासन को नहीं उठाना पड़ेगा.

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