चीन को सबक सिखाने के लिए पीएम मोदी की उच्चस्तरीय बैठक

पूरे विश्व के सामने चीन के पापों का कच्चा चिट्ठा खुल चुका है और इस वजह से चीन बौखलाहट में है. कोरोना से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए चीन बेवजह विवादों को खड़ा कर रहा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 27, 2020, 10:42 AM IST
    • पीएम मोदी ने की स्थिति की समीक्षा
    • चीनी सैनिकों के घुसपैठ की खबरों पर प्रधानमंत्री ने गंभीरता दिखाई
चीन को सबक सिखाने के लिए पीएम मोदी की उच्चस्तरीय बैठक

नई दिल्ली: समूचे विश्व समुदाय के सामने चीन बेहद निकृष्ट और सशंकित  नजरों से देखा जाता है. चीन की चालबाजी और उसके झूठ को दुनिया ने बेनकाब कर दिया है. इसी बौखलाहट में चीन भारत के साथ लद्दाख में उलझ रहा है. चीन को कड़ा सबक सिखाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कमर कस ली है. 

उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तीनों सेना प्रमुखों और मुख्य सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के मंथन किया और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बैठक से भारत के इरादे भी स्पष्ट हो गए हैं. पीएम मोदी ने साबित कर दिया है कि अन्य सरकारों की तरह चीन के सामने कमजोर नहीं दिखना है उल्टे चीन को उसकी औकात दिखाने के लिए ईंट का जवाब पत्थर से देना है.

पीएम मोदी ने की स्थिति की समीक्षा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ अहम बैठक की और हालात का जायजा लिया. बताया जा रहा है कि NSA अजित डोवाल और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सेना प्रमुखों से मुलाकात की. बता दें कि लद्दाख में चीनी सैनिकों के घुसपैठ की खबरों पर प्रधानमंत्री ने गंभीरता दिखाई है और भारतीय सेना तथा रक्षा के जिम्मेदार लोगों से निर्भय होकर काम करने की सलाह दी है.

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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी कही बड़ी बात

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के शीर्ष अधिकारियों को यह कहा है कि कई संवेदनशील इलाकों में चीन के सैनिकों के आक्रामक व्यवहार के बावजूद लद्दाख, सिक्किम, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर महत्वूर्ण परियोजनाओं के क्रियान्वयन की पुन: समीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है. जरूरत पड़ने पर सेना को आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे और किसी भी स्थिति में चीन के सामने आक्रामक रुख से पीछे नहीं हटा जायेगा.

भारत चीन को कड़ा जवाब देने को तत्पर

आपको बता दें कि भारत किसी भी स्थिति में अपने स्टैंड में बदलाव नहीं करेगा और चीन को उसकी कायर करतूतों का कठोर प्रतिउत्तर दिया जाएगा. भारत और चीन के बीच करीब 20 दिन तक चले गतिरोध के मद्देनजर भारतीय सेना ने उत्तर सिक्किम, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में संवेदनशील सीमावर्ती इलाकों में अपनी मौजूदगी उल्लेखनीय ढंग से बढ़ाई है और यह संदेश दिया है कि भारत चीन के किसी भी आक्रामक सैन्य रुख के आगे रुकने वाला नहीं है.

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